नई दिल्ली :– इस साल चारधाम यात्रा 30 अप्रैल से शुरू होने जा रही है. इन दिन अक्षय तृतीया भी है और रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम की यह यात्रा दुर्गम पहाड़ी इलाकों से होकर गुजरती है. इसलिए प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसमें स्वास्थ्य सावधानियां, मौसम की जानकारी, उचित कपड़े और चिकित्सा उपकरण साथ रखना जैसी बातें शामिल है.
चारधाम यात्रा के कपाट खुलने का समय क्या है?
यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट 30 अप्रैल को सुबह 10:30 बजे खोले जाएंगे. वहीं, केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को सुबह 7 बजे से भक्तों के लिए खोले जाएंगे. इसके अलावा बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खोले जाएंगे. बता दें कि हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु चारधाम यात्रा करने जाते हैं. चारधाम यात्रा को लेकर आस्था का माहौल बनने लगा है और भक्तों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है.
चारधाम यात्रा के लिए प्रशासन ने जारी की गाइडलाइंस
चारधाम यात्रा के लिए इस बार रिकॉर्ड स्तर पर रजिस्ट्रेशन हुए हैं. क्योंकि ये इस यात्रा के सभी चारों धाम 2700 मीटर से अधिक ऊंचाई पर स्थित हैं, इस कारण से यहां ज्यादा ठंड, ऑक्सीजन की कमी, UV रेडिएशन और कम हवा के दबाव ये यात्रियों पर स्वास्थ्य जोखिम बना रहता है. इसी को देखते हुए उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने यात्रियों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
- यात्रा के लिए कम से कम 7 दिन की योजना बनाएं.
- ट्रैकिंग के दौरान हर घंटे या दो घंटे में ब्रेक लें.
- रोजाना ब्रीदिंग एक्सरसाइज और 20-30 मिनट टहलना फायदेमंद है.
- 55 वर्ष से अधिक उम्र या बीमारियों से ग्रसित लोग यात्रा से पहले फिटनेस जांच कराएं.
- पैकिंग में गर्म कपड़े, रेनकोट, दवाइयां, पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर आदि शामिल करें.
- मौसम की जानकारी लें और डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही यात्रा करें.
चारधाम यात्रा की पूजा के लिए ऐसे करें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
केदारनाथ धाम और बद्रीनाथ धाम की यात्रा के लिए ऑनलाइन पूजा का रजिस्ट्रेशन 10 अप्रैल से शुरू हो चुका है. जो श्रद्धालु घर बैठे केदारनाथ धाम और बदरीनाथ धाम में पूजा करवाना चाहते हैं, वह बद्री केदार मंदिर समिति की वेबसाइट https://badrinathkedarath.gov.in पर जाकर ऑनलाइन बुकिंग करवा सकते है. ऑनलाइन पूजा करवाने वाले लोगों के नाम से न सिर्फ पूजा की जाएगी बल्कि उन श्रद्धालुओं को उनके एड्रेस पर केदारनाथ और बदरीनाथ धाम का प्रसाद भी भेजा जाएगा.