हर साल एक दिसंबर को World AIDS Day मनाया जाता है। इस दिन एड्स के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने की कोशिश की जाती है। एड्स एक खतरनाक बीमारी है, जिससे बचाव ही इलाज है। इस बीमारी में शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है और बीमारियों से बचाव नहीं कर पाता। यह HIV वायरस से इन्फेक्शन की वजह से होता है। इस बीमारी से जुड़े टैबू को दूर करने के लिए वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है।
आइए जानते हैं क्या है इस दिन का महत्व, थीम और इतिहास।क्यों मनाया जाता है एड्स डे?इस दिन AIDS से बचाव के तरीकों के बारे में लोगों को जागरूक किया जाता है। एड्स को लेकर हमारे समाज में कई मिथक हैं, जिनके बारे में लोगों में जानकारी की काफी कमी है। एड्स कैसे फैलता है, इससे बचाव के तरीके, इसके टेस्ट, इससे जुड़े मिथक आदि के बारे में जानकारी देने की कोशिश की जाती है। लोगों में एचआईवी पॉजिटिव लोगों को लेकर कई गलत अवधारणाएं होती हैं, इस दिन उन्हें भी दूर करने की कोशिश की जाती है। इस दिन पूरे समाज को एक-जुट होकर एड्स से लड़ने के लिए प्रेरित करने की कोशिश की जाती है।
क्या है इस दिन का इतिहाससबसे पहली बार, वर्ल्ड एड्स डे 01 दिसंबर, 1988 को मनाया गया था। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के 2022 के डाटा के मुताबिक, दुनिया भर में लगभग 3.6 करोड़ लोग, एचआईवी पॉजिटिव हैं। इससे बचाव और इसकी रोकथाम के लिए, लोगों का जागरूक होना जरूरी है। इस मकसद के साथ वर्ल्ड एड्स मनाने की शुरूआत की गई थी।क्या है इस साल की थीमइस साल वर्ल्ड एड्स डे की थीम लेट कम्यूनिटीज लीड है। AIDS की रोकथाम में समाज की अहम भूमिका के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए, इस थीम को चुना गया है। साथ ही, अब तक, एड्स के बचाव में समाज ने जो महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं, उनकी सराहना करने के लिए भी इस थीम को चुना गया है।
एड्स या एचआईवी के बारे में समाज में मौजूद गलत अवधारणा के कारण, इसकी रोकथाम करना काफी मुश्किल होता है। समाज में नीची नजरों से देखे जाने की वजह से, लोग खुलकर इस बीमारी के बारे में बात नहीं करते और इससे बचाव नहीं हो पाता है। इस स्थिति को बदलने के लिए लेट कम्यूनिटटीज लीड का थीम चुना गया है।