विधानसभा डायरी : विधायक जी नए-नए हैं, ट्रेण्ड हो जाएंगे, ऐसा किसके लिए बोले रविन्द्र चौबे, विधायक और मंत्रियों के बीच हुई तीखी नोंकझोंक, जानिए इस कॉलम में
डॉ. अनिल द्विवेदी
रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का समापन विगत दिनों हो गया. भूपेश बघेल सरकार का यह अंतिम संसदीय सत्र था. इसके बाद अब सभी राजनीतिक दल सीधे विधानसभा चुनाव में टकराएंगे. विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने हमेशा की तरह पारदर्शी और निष्पक्षीय सदन का संचालन किया लेकिन चार दिनों के संसदीय विमर्श में सत्ता पक्ष की हठधर्मिता, विपक्ष का बर्हिगमन, शून्यकाल में शोर और अभद्र टिप्पणियां विलोपित करने जैसी परिस्थितियां भी निर्मित हुईं. आइए जानते हैं कुछ चर्चित वक्तव्यों को :
अश्लील पोस्ट
विधानसभा में मुददा उठा कि कबीरपंथी गुरू प्रकाशमुनी का एक फर्जी फोटो सोशल मीडिया में वायरल है. विधायक शिवरतन शर्मा और बृजमोहन अग्रवाल ने यह मुददा उठाया. उन्होंने कहा कि महंतजी की एक तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल है. अजय चंद्राकर ने यह कहते हुए सनसनी फैला दी कि क्या हम लोग भी नंगा दौड़े तब सरकार सुनेगी क्या. इसके बाद मामला गंभीर समझते हुए विधानसभा अध्यक्ष महंत ने गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू को जांच कराने के निर्देश दिए. चूंकि महंत खुद भी कबीरपंथी हैं इसलिए उन्होंने इस मुददे को संज्ञान में लिया.
ज्यादा गुस्सा मत होइए श्रीमान
बिलासपुर शहर से कांग्रेस विधायक शैलेष पाण्डेय जब अपना भाषण दे रहे थे तो उन्हें विधायक धरमजीत सिंह ने टोकते हुए कहा कि ज्यादा गुस्सा मत होइए, जब राजनीतिक भाषण देते हो तो संभलकर दो. इस पर उनका साथ देते हुए विधायक अजय चंद्राकर ने कुछ कहा तो पाण्डे ने चुटकी ली कि आप कितना भी अच्छा बोल लो, इधर यानी सत्ता में नही आ सकते.
भाजपा का कल्याण कब
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विपक्ष पर चुटकी लेते हुए कहा कि आज पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पाण्डे दर्शक दीर्घा में बैठे हैं. बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर भी सदन में बैठे हैं. धरमलाल कौशिक को पार्टी ने दिल्ली भेज दिया. जब तक बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर को नही हटाओगे तब तक पार्टी का कल्याण नही हो सकता. इस पर धरमजीत सिंह ने कहा कि अजय चंद्राकर उधर यानि कांग्रेस में गए तो उधर के आधे विधायक इधर आ जाएंगे.
नए नए हैं, सीख जाएंगे
पूर्व मंत्री और विधायक बृजमोहन अग्रवाल संसदीय मामलों के गहरे जानकार हैं. उन्होंने सरकार को कई बार मुश्किलों में डाला. उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल सदन में निजी विश्वविद्यालय अधिनियम प्रस्ताव अपना भाषण देकर चलते बने तो विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने प्रक्रिया का मुददा उठाते हुए कहा कि प्रस्ताव पास नही हुआ और मंत्री चले गए. इस पर संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे ने मुस्कुराते हुए कहा कि अभी नए नए हैं, पांच साल में ट्रेण्ड हो जाएंगे.
कानून बनाए बिना नियुक्ति कैसे
पूर्व मंत्री और विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार को सदन में कई बार घेरा. संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे ने छत्तीसगढ़ विधान मण्डल सदस्य निर्रहता निवारण संशोधन अधिनियम 2023 प्रस्तुत किया. इस पर अग्रवाल ने विधानसभा की अवमानना का प्रश्न उठाया. अग्रवाल का तर्क था कि सरकार ने योजना आयोग का अध्यक्ष पहले बदला और कानून अभी कैसे बना रही है. चौबे का तर्क था कि मुख्यमंत्री को घोषणा करने का अधिकार है. हमारा संशोधन अर्हता—निरर्हता को लेकर है. दरअसल मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम को सरकार ने योजना आयोग का नया अध्यक्ष बनाया है जबकि अभी तक सीएम इसके अध्यक्ष थे. अग्रवाल का तर्क था कि बिना कानून बनाए यह बदलाव कैसे हो गया! यह विधानसभा की अवमानना है. अग्रवाल ने यह भी प्रश्न खड़ा किया कि राज्य योजना मंडल, राज्य योजना आयोग कैसे हो गया! हालांकि विधेयक बहुमत से पास हो गया.
क्रूर बहुमत
विधायक अजय चंद्राकर ने आरोप लगाया कि इस सरकार का जन्म ही विधायिका के अपमान के लिए हुआ है. राजिम कुंभ का नाम बदल दिया. इस पर कांग्रेस ने चुटकी ली कि मेला को कुंभ बनाकर ठगने का काम तो आपकी सरकार ने किया. उन्होंने कहा कि चौबे जी सबसे ज्यादा सदन का अपमान आपके कार्यकाल में हुआ है.
सदन में गूंजी अंग्रेजी
विधायक अजय चंद्राकर अंग्रेजी के गहरे जानकार हैं हालांकि इसका उपयोग कम करते हैं लेकिन एक संदर्भ में उन्होंने अंग्रेजी पढ़ी तो मंत्री अमरजीत भगत ने अंग्रेजी में ही जवाब दे दिया. सत्ता पक्ष के विधायकों ने आपत्ति की तो चंद्राकर ने कहा कि मैंने चौबे को कभी गलत नही बोला अन्यथा माफी मांग लूंगा. इस पर सत्ता पक्ष से आवाज आई कि आप गलत नही बोले हो तो चौबे जी भी सच नही बोले हैं आजतक. इसके बाद सदन ठहाकों से गूंज उठा.
हमका माफी दई दो
धमतरी विधायक और भाजपा प्रवक्ता रंजना साहू ने कल विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में बोलते हुए सरकार की खूब धज्जियां उड़ाई. रंजना साहू का भाषण इतना मारक रहा कि सीएम से लेकर विधायक और मंत्रियों तक को सफाई देनी पड़ी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हें टोका. याद दिलाया कि स्वामी आत्मानंद छत्तीसगढ़ के सम्मानीय संत हैं, उनके नाम पर हमने स्कूल शुरु किया है, ऐसे में आप बार-बार आत्मानंद कह रही हैं, इसे सुधारना चाहिए. इस पर रंजना साहू ने बड़प्पन दिखाते हुए क्षमा मांग ली. कुल मिलाकर विधायक रंजना साहू ने सधा हुआ, सारगर्भित, संच्छिप्त भाषण देकर वाहवाही बटोरी।