छत्तीसगढ़ :– आंध्र प्रदेश बॉर्डर पर हुई मुठभेड़ में मारे गए नक्सली माड़वी हिड़मा और उसकी पत्नी राजे का अंतिम संस्कार गुरुवार को दक्षिण सुकमा के पूवर्ती गांव में किया गया। दोनों को ग्रामीण परंपराओं के अनुसार अंतिम विदाई दी गई, जिसमें आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
काले कपड़ों में हिड़मा, लाल जोड़े में राजे
अंतिम यात्रा से पहले हिड़मा के शव पर काली पैंट–शर्ट पहनाई गई, जबकि उसकी पत्नी राजे को लाल जोड़े से सजाया गया। सैकड़ों ग्रामीण रोते-बिलखते दोनों की अंतिम यात्रा में शामिल हुए और गांव के नजदीकी जंगल में दोनों को एक ही चिता पर मुखाग्नि दी गई।
सोनी सोढ़ी पहुंचीं, हिडमा के शव से लिपटकर रोईं
आदिवासी नेता और सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोढ़ी भी हिडमा को श्रद्धांजलि देने पहुंचीं। वे शव से लिपटकर रोती हुई दिखाई दीं, जिससे माहौल भावुक हो गया।
कौन था माड़वी हिड़मा?
हिड़मा का जन्म दक्षिण सुकमा के पूवर्ती गांव में एक आदिवासी परिवार में हुआ था। 16 वर्ष की उम्र में वह नक्सल संगठन से जुड़ गया। नक्सली शिक्षा और सांस्कृतिक इकाई के माध्यम से उसने पढ़ना, लिखना और वादन सीख लिया। ट्रेनिंग के बाद उसकी पहली नियुक्ति महाराष्ट्र के गढ़चिरौली इलाके में हुई।
सेंट्रल कमेटी का सबसे युवा सदस्य
हिड़मा पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PGLA) की बटालियन-1 का चीफ था और डीकेएसजेड (DKSZ) का भी सदस्य था। वह CPI (माओवादी) की 21 सदस्यीय सेंट्रल कमेटी का सबसे युवा सदस्य माना जाता था।
रमन्ना की मौत के बाद शीर्ष कमांडर
कई बड़े नक्सली हमलों में हिडमा की सीधी भूमिका रही—
झीरम घाटी हमला
बुरकापाल हमला
बीजापुर हमला
दंतेवाड़ा हमला (जिसमें 76 जवान शहीद हुए)
2019 में रमन्ना की मौत के बाद उसे शीर्ष कमांडर की जिम्मेदारी दी गई थी।
इन घटनाओं में रहा शामिल
कलेक्टर अपहरण
धर्माराम शिविर हमला
पिडमेल घटना
इंजराम हमला
अर्राबोर राहत शिविर हमला
टोंगगुड़ा नाला घटना
