नई दिल्ली:· बलौदा बाजार।
सुहेला और रिसदा क्षेत्र में स्थित नुवोको विस्तास सीमेंट प्लांट के खिलाफ ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि प्लांट के संचालन से लगातार प्रदूषण, दुर्घटनाएं और स्वास्थ्य संकट बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री के प्रस्तावित दौरे से पहले क्षेत्र में यह मुद्दा एक बार फिर जोर पकड़ने लगा है।

ग्रामीणों का कहना है कि कंपनी ने उद्योग के नाम पर शुरुआत में रोजगार और विकास का वादा किया था, लेकिन हालात इसके उलट रहे। आरोप है कि प्लांट के कारण गांवों में धूल, प्रदूषण और तेज ब्लास्टिंग की समस्या लगातार बनी हुई है। कई ग्रामीणों का दावा है कि ब्लास्टिंग से घरों में दरारें तक पड़ रही हैं और हादसों का खतरा बढ़ा है।

लोगों की शिकायत है कि बाहर से कचरा लाकर जलाया जाता है, जिससे जहरीला धुआं निकलता है और आसपास के गांवों में फैलता है। ग्रामीणों के अनुसार रिसदा से सुहेला तक का मार्ग भारी वाहनों की आवाजाही से क्षतिग्रस्त हो चुका है।

इस मार्ग पर दुर्घटनाओं के कई मामले सामने आ चुके हैं, जिनसे ग्रामीणों में चिंता है।

रोजगार को लेकर भी स्थानीयों में असंतोष है। ग्रामीणों का आरोप है कि उद्योग स्थापित करने से पहले रोजगार देने का वादा किया गया था, लेकिन आज कई युवा बेरोजगार हैं। वही, पानी, सड़क और नाली जैसी बुनियादी सुविधाओं को लेकर भी शिकायतें हैं। ग्रामीण इस बात से नाराज हैं कि उद्योग के बाद भी गांव में अपेक्षित विकास नहीं हुआ।

यह क्षेत्र मंत्री टंकराम वर्मा के गांव के अंतर्गत आता है। ऐसे में मुख्यमंत्री के संभावित दौरे के पहले यह विरोध और तेज हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि “जमीन ली गई, लेकिन बदले में न रोजगार मिला और न ही विकास।”

स्थानीय प्रशासन और कंपनी की ओर से इस मामले में आधिकारिक प्रतिक्रिया अभी सामने नहीं आई है।

ग्रामीणों की मांग है कि समस्या की जांच हो और प्लांट संचालन से होने वाली परेशानी का समाधान निकाला जाए।
