नई दिल्ली : साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को लगने जा रहा है। यह पूर्ण सूर्य ग्रहण पश्चिमी यूरोप पेसिफिक, अटलांटिक, आर्कटिक मेक्सिको, उत्तरी अमेरिका, मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भाग, कनाडा, इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम क्षेत्र और आयरलैंड में दिखाई देगा। जब अंतरिक्ष में चंद्रमा सूरज को पूरी तरह से ढक लेता है, तो पूर्ण सूर्य ग्रहण लगता है। इस दौरान दिन में अंधेरा हो जाता है और तापमान में गिरावट होती है।
सूर्य ग्रहण के दौरान जानवर और पौधे भी अजीब व्यवहार करते हैं। 1851 में देखा गया कि भोजन ले जा रही चीटियों का झुंड सूर्य ग्रहण के दौरान रुक गया और सूरज के दोबारा नजर आने के बाद वहां से चला। अब वैज्ञानिकों को ग्रहण के दौरान पड़ने वाले प्रभाव के बारे में अध्ययन करने का मौका मिला है। आइए जानते हैं कि सूर्य ग्रहण का पक्षियों और पौधों पर क्या प्रभाव पड़ता है?
साल 2017 में भी अमेरिका में पूर्ण ग्रहण लगा था। इस दौरान शोधकर्ताओं को अध्ययन में पता चला कि कीड़े, पक्षी और पौधे रात के समय की तरह व्यवहार कर रहे थे। ग्रहण के दौरान जुगनू चमकने लगे थे और चिड़ियाघर के अंदर जानवरों में चिंता या भ्रम के लक्षण नजर आ रहे थे। लेकिन वैज्ञानिक सभी जानवरों पर ग्रहण के प्रभाव के होने की पुष्टि नहीं कर सकते हैं। ग्रहण के दौरान पाया गया है कि पक्षी शांत हो जाते हैं, लेकिन अपवाद भी हैं।
पक्षियों और कीडों पर दिखा ऐसा असर
साल 2017 में पूर्ण ग्रहण से 50 मिनट पहले और 50 मिनट बाद कीड़ों और पक्षियों पर नजर रखने वाले शोधकर्ताओं ने देखा कि आसमान पूरी तरह शांत हो गया था, लेकिन समग्रता के दौरान इनकी गतिविधि अचानक बढ़ गई।
सूर्य ग्रहण का पक्षियों और पौधों पर क्या होता है असर? – फोटो : istock
शोधकर्ताओं ने संभावना जताई कि यह कीट हो सकते हैं, जो रात में प्रतिक्रिया करते हैं। साल 2024 में 8 अप्रैल को लगने वाले सूर्य ग्रहण के दौरान वैज्ञानिकों को इसके प्रभावों को समझने में और भी मदद मिलेगी। पक्षियों के साथ ही मधुमक्खी भी ग्रहण के समय अपने छत्ते में लौटने लगती है।
पौधों पर होता है असर
इंडियाना यूनिवर्सिटी के प्लांट इकोफिजियोलॉजिस्ट डैनियल बेवर्ली ने 2017 में ग्रहण के समय अमेरिकी राज्य व्योमिंग में सेजब्रश पौधे के व्यवहार पर शोध किया था। इस अमेरिका राज्य में 2017 से पहले 1918 में ग्रहण लगा था। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने बताया कि यह पौधे 60-100 साल पुराने हैं। दोपहर में उन्होंने कभी इतना अंधेरा नहीं देखा। वैज्ञानिकों ने देखा कि समग्रता के दौरान प्रकाश संश्लेषण कम हो गया। इस साल बेवर्ली इंडियाना के एक जंगल में पौधो पर अध्ययन करेंगे।