मध्यप्रदेश:– आंखों में ड्राइनेस का मतलब है आंखों में नमी की कमी होना. जब आंखों की आंसू ग्रंथियां पर्याप्त आंसू नहीं बनातीं या आंसू जल्दी सूख जाते हैं, तो आंखें सूखी, जलनभरी और असहज महसूस होती हैं. यह समस्या आजकल काफी आम हो गई है, खासकर उन लोगों में जो लंबे समय तक मोबाइल, लैपटॉप या कंप्यूटर स्क्रीन पर देखते हैं. इसके अलावा, एयर-कंडीशंड माहौल में ज्यादा समय बिताने, धूल-धूप या प्रदूषण में रहने वाले लोगों को भी यह परेशानी होती है. 40 साल से ज्यादा उम्र के लोग, कॉन्टैक्ट लेंस लगाने वाले और हॉर्मोन में बदलाव की वजह से महिलाएं भी इस समस्या से ज्यादा प्रभावित होती हैं.
आंखों में ड्राइनेस के कई कारण हो सकते हैं. सबसे आम वजह है स्क्रीन टाइम का बढ़ना, जिससे पलकें झपकाने की दर घट जाती है और आंखें सूखने लगती हैं. इसके अलावा, शरीर में पानी की कमी, नींद पूरी न होना, विटामिन ए की कमी, धूम्रपान और प्रदूषण भी इसके कारण हो सकते हैं. कुछ दवाएं जैसे एंटीहिस्टामिन, ब्लड प्रेशर या डिप्रेशन की दवाएं भी आंसू बनने की प्रक्रिया को प्रभावित करती हैं. उम्र बढ़ने पर आंसू ग्रंथियां कम एक्टिव हो जाती हैं, जिससे ड्राइनेस और बढ़ जाती है. अगर यह समस्या लंबे समय तक रहे, तो कॉर्निया को नुकसान पहुंच सकता है और नजर प्रभावित हो सकती है.
आंखों में ड्राइनेस के लक्षण क्या हैं?
सर गंगाराम अस्पताल में आई डिपार्टमेंट के पूर्व एचओडी डॉ. ए.के. ग्रोवर बताते हैं कि आंखों में ड्राइनेस के कई लक्षण धीरे-धीरे दिखाई देने लगते हैं. सबसे आम लक्षण हैं आंखों में जलन, खुजली या चुभन महसूस होना. कई बार आंखों में कुछ फंसा होने जैसा अहसास होता है. सूखी आंखों में लालपन बढ़ जाता है और रोशनी के प्रति सेंस्टिविटी बढ़ सकती है. लंबे समय तक पढ़ने या स्क्रीन पर काम करने के बाद धुंधलापन भी महसूस होता है.
कुछ लोगों को आंखों में भारीपन या दर्द भी हो सकता है. रात में ड्राइविंग के दौरान दिक्कत महसूस होना, बार-बार आंखों में पानी आना जो असल में ड्राइनेस की प्रतिक्रिया होती है, और आंखों में चिपचिपाहट भी इसके संकेत हैं. अगर यह लक्षण लगातार रहें, तो आंखों के डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी है.
कैसे करें बचाव
हर 20 मिनट बाद स्क्रीन से नजरें हटाकर 20 सेकंड तक आराम दें.
आंखों को बार-बार झपकाएं ताकि नमी बनी रहे.
कमरे में ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें.
पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं.
धूल और धूप से बचने के लिए सनग्लास पहनें.
धूम्रपान और अत्यधिक कैफीन सेवन से बचें।
