नई दिल्ली:– अक्सर लोग अपने शादी की अंगूठी या फिर एंगेजमेंट रिंग बाएं हाथ की चौथी अंगुली में ही पहनते है। फिर चाहे वो लड़का हो या फिर लड़की। खास बात ये है कि भारत में ही नहीं, विदेश में भी वेडिंग रिंग इसी अंगुली में पहनी जाती है। जिसे लोग अनामिका भी कहते है। लेकिन आप जानते है कि क्यों अंगूठी को इसी अंगुली में पहनाया जाता है? चलिए जानते है इसके पीछे की वजह….
उंगली की नसें सीधे दिल से जुड़ी
दरअसल, शादी की अंगूठी बाएं हाथ की चौथी अंगुली में पहनाने की शुरुआत
रोमन एरा में हुई थी और एक रोमन कपल ने इस प्रथा को प्रारम्भ किया था।उनका मानना था कि इस उंगली की नसें सीधे दिल से जुड़ी होती हैं। तभी इसे ‘vena amoris’ और vein of love भी कहा जाता है। बस,तभी से इंडिया हो या कोई पश्चिमी देश,कपल्स इसी उंगली में रिंग पहनने लगे और इस उंगली का नाम ही रिंग फिंगर पड़ गया।
हर किसी वेन का हार्ट से कनेक्शन होता है
हालांकि इस संबंध में न्यूरोलॉजी एक्सपर्ट का कहना हैं कि ‘ऐसी कोई नस नहीं होती है, जो सीधे रिंग फिंगर से हार्ट को कनेक्ट करे. हार्ट से निकली हुईं नसें पहले गर्दन तक जाती हैं और वो दिमाग तक जाती हैं. इसके बाद शरीर के अन्य हिस्सों में इनका कनेक्शन होता है. लेकिन, ऐसी कोई भी स्पेसिफिक नस नहीं है जो सीधे रिंग फिंगर को हार्ट से जोड़े, क्योकि हर वेन का हार्ट से कनेक्शन होता है।
