जोधपुर:- आजकल के बच्चों द्वारा मोबाइल का अधिक इस्तेमाल चिंता का विषय बनता जा रहा है और उसका ही असर है, कि अस्पतालों में आंखों की समस्या से पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ रही है. ऐसे में जिस प्रकार बच्चों के चश्मे लगने का सिलसिला तेजी से शुरू हुआ है, उसके चलते खुद नेत्र रोग विशेषज्ञ चिंता में पड़ गए हैं. जोधपुर के डॉक्टर एसएन मेडिकल कॉलेज के अधीन आने वाले मथुरादास माथुर अस्पताल में लगातार इन दिनों बच्चों की आंखों में शिकायत लेकर परिजन पहुंच रहे है. वहीं, चिकित्सकों की मानें, तो अभिभावक व्यस्त रहने के कारण बच्चों को मोबाइल दे देते हैं और उन परिस्थितियों में बच्चे मोबाइल के इतने अधिक आदि होते जा रहे हैं, कि उन्हें चश्में लग रहे हैं और ऐसे में उनकी दृष्टि कमजोर हो रही है.
वहीं, इस बारे में नेत्र रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर अरविंद चौहान ने बताया, कि कोरोना काल में स्कूल बंद होने की वजह से बच्चे ज़्यादातर समय घर के अंदर ही रहे. वे ऑनलाइन पढ़ाई के साथ-साथ मोबाइल पर गेम भी खेलने लगे. मोबाइल स्क्रीन पर ज़्यादा देर तक लगातार देखने से बच्चों की आंखों में समस्याएं बढ़ गई हैं. अब आंखों से पानी आना, लाल होना, चिड़चिड़ापन, आंख और सिर दर्द जैसी शिकायतें पहले की तुलना में दोगुनी हो गई हैं
बच्चों को घर से बाहर खेलने के लिए भेजें
डॉक्टर अरविंद चौहान ने आगे कहा, कि पांच से छह सालों में बड़ा परिवर्तन आया है. कई बच्चे मोबाइल का ज्यादा उपयोग करने लगे हैं. अभिभावक जो हैं, वह बच्चों को नहीं रोक रहे हैं. ऐसे में बच्चे चश्मे के नंबर की शिकायत लेकर ओपीडी में आते हैं. आगे वे कहते हैं, अभिभावकों को चाहिए कि वह भी मोबाइल का कम उपयोग करें और बच्चों को घर से बाहर खेलने के लिए प्रेरित करें. स्क्रीन टाइम अधिक बढ़ना बच्चों की आंखों की सुरक्षा के लिए भी खतरनाक हो सकता है. इससे बचाव के लिए पेरेंट्स को सावधानियां रखनी चाहिए.