भारत और कतर दोनों के बीच मजबूत व्यापारिक संबंध रहे हैं, लेकिन इस घटना ने दोनों देशों के बीच के संबंधों में थोड़ी खटास पैदा कर दी थी। अब दोबारा दोनों देशों के संबंधों में मजबूती देखी जा रही है। लेकिन क्या आप जानते हैं दुनिया के अमीर देशों की लिस्ट में शामिल कतर कभी बेहद गरीब देश हुआ करता था। इस देश के पास खाने तक के पैसे नहीं थे, आज वो अमेरिका, चीन, ब्रिटेन जैसे देशों की कतार में खड़ा है।
कभी इस देश में लोगों के पास खाने तक को नहीं थे पैसे, आज हर तीसरा आदमी है करोड़पति, इस तरह इतना अमीर हो गया कतर
एक समय था गुलामएक समय था गुलाम एक समय कतर तुर्की का गुलाम रहा था। इसके बाद अंग्रेज आए और इसपर शासन किया। कतर साल 1971 में ब्रिटेन से आजाद हो गया। कतर की हालात एक दौर में काफी खराब थी। 1930 से 40 के दशक में कतर गरीबी की मार झेल रहा था। गुलामी का दंश झेलने वाले कतर की आर्थिक हालात बदतर थी। तुर्की और अंग्रेजों की गुलामी झेलने वाले कतर के पास खाने तक के पैसे नहीं थे।
आजादी के बाद बदली किस्मतआजादी के बाद बदली किस्मत कतर में गुलामी के दौरान गरीबी चरम पर थी। कतर को साल 1971 में ब्रिटेन से आजादी मिली। इसके बाद कतर की किस्मत बदलने लगी। इसमें बड़ा रोल कतर में मिले तेल और गैस के विशाल भंडार ने निभाया। कतर को अमीर बनाने में इसका सबसे बड़ा हाथ था। कतर में बिजली, पानी मेडिकल जैसी बुनियादी सुविधाएं यहां बिल्कुल मुफ्त है।
सबसे बड़े एक्सपोर्टर में शामिलसबसे बड़े एक्सपोर्टर में शामिल दुनियाभर के तेल और गैस बेचकर कतर ने खूब पैसा कमाया। आज कतर गैस और तेल के सबसे बड़े एक्सपोर्टर में से एक है। साल 1930-40 के बीच कतर में ऐसा भीषण आर्थिक संकट आया कि कतर की 30 फीसदी आबादी पलायन कर गई थी।तेजी से बढ़ रहे करोड़पतितेजी से बढ़ रहे करोड़पति जिस देश में कभी दो वक्त की रोटी के लिए मुश्किल दौर से गुजर रहा था, आज वहां का हर तीसरा व्यक्ति करोड़पति है।
कतर की सालाना आय औसतन 94 लाख रुपये है एक तरफ लोगों के पास अथाह पैसा है तो वहीं दूसरी ओर यहां के लोगों को टैक्स के नाम पर कोई पैसा नहीं देना पड़ता है।मूल निवासियों की संख्या कममूल निवासियों की संख्या कम इस 30 लाख की आबादी वाले देश में कतर के मूल निवासियों की संख्या काफी कम है। कुल जनसंख्या में से मात्र 12 प्रतिशत लोग ही कतर के मूल निवासी हैं।