नई दिल्ली :- केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को लोकसभा में किसान कल्याण की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि भारत को विश्व का ‘‘फूड बास्केट’’ बनाया जाएगा और डिजिटल क्रांति का लाभ किसानों को पहुंचाने के लिए सभी कृषकों को एक डिजिटल पहचान पत्र दिया जाएगा.
विपक्षी सदस्यों के शोरगुल के बीच उन्होंने कहा कि आलोचनाओं का स्वागत है लेकिन क्या आलोचना केवल आलोचना करने के लिए की जाएगी और क्या तथ्यों को तोड़- मरोड़ कर पेश किया जाएगा.
मंत्री के जवाब के बाद, सदन ने विपक्ष के कुछ सदस्यों के कटौती प्रस्तावों को खारिज करते हुए कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों को ध्वनिमत से पारित कर दिया.
इससे पहले चौहान ने अपने जवाब में कहा, ‘‘किसान अन्न दाता हैं और अन्न दाता जीवन दाता होते हैं.
किसानों की सेवा हमारे लिए भगवान से बढ़ कर है. हम इसमें कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘माननीय सदस्यों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि जो भी सकारात्मक सुझाव दिये गए हैं, कृषि मंत्री होने के नाते उनपर मैं गंभीरता पूर्वक विचार करूंगा.
चौहान ने कहा, ‘‘मैं सेाचता था कि विपक्ष सार्थक चर्चा करेगा, किसानों की उन्हें चिंता होगी लेकिन पूरी बहस के दौरान खोदा पहाड़ निकली मरी हुई चूहिया.’’ उन्होंने कहा कि चर्चा के दौरान यह आरोप लगाया गया कि भाजपा के लोग किसानों की जमीन छीनना चाहते हैं, किसानों पर लाठियां चलवा रहे हैं, लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि पंजाब के किसानों से चर्चा करने के लिए तीन-तीन बार तीन मंत्री गए.
चौहान ने लाल किले की प्राचीर से देश के प्रथम प्रधानमंत्री के भाषण का संदर्भ देते हुए कहा, ‘‘मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि जवाहरलाल नेहरू जी ने किसानों के बारे में 1949 से लेकर 1963 तक, केवल तीन बार बोला था.
उन्होंने कहा, कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के 10 साल के शासनकाल में 1,51,277 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. वहीं, हमने दस लाख 756 करोड़ रुपये खर्च किये हैं. यह केवल कृषि का बजट है. संबद्ध क्षेत्र का बजट अलग है. पशुपालन विभाग में हमने संप्रग सरकार की तुलना में तीन गुना खर्च किये हैं.
मंत्री ने उर्वरकों की कीमतों के मुद्दे पर कहा, ‘‘हम डीएपी की प्रत्येक बोरी 1,350 रुपये में ही देंगे, एक पैसा नहीं बढ़ाएंगे. 266 रुपया में यूरिया की बोरी मोदी सरकार दे रही है. इसलिए उवर्रक पर सब्सिडी लगातार बढ़ती गई. हमने उत्पादन की लागत घटाने के लिए कदम उठाये हैं.’’ उन्होंने कहा कि राजग सरकार ने कृषि क्षेत्र में पूर्ववर्ती संप्रग सरकार की तुलना में कई गुना राशि खर्च करने का प्रावधान किया है.
चौहान ने कहा, ‘‘यह आज का भारत है, नया भारत है. एक जमाना था जब हम अमेरिका का पीएल480 गेहूं खाने को मजबूर थे, लेकिन आज भारत में अनाज भरा हुआ है. 80 करोड़ लोगों को (प्रधानमंत्री) नरेन्द्र मोदी मुफ्त गेहूं-चावल दे रहे हैं. लगातार उत्पादन बढ़ रहा है. यह मोदी जी की नीतियां हैं कि खाद्यान्न का उत्पादन अब बढ़कर 33 करोड़ टन हो गया है.
चौहान ने कहा, हम भारत को दुनिया का ‘फूड बास्केट’ बनाएंगे.’ उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रांति का लाभ किसानों को पहुंचाने के लिए सभी किसानों को एक डिजिटल पहचान पत्र दिया जाएगा और इसके अनेक लाभ होंगे. उन्होंने एक विपक्षी सदस्य की आशंका को खारिज करते हुए कहा कि बेगूसराय में जो मक्का अनुसंधान केंद्र वहीं रहेंगा, उसे बदला नहीं जाएगा. मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजग सरकार किसान कल्याण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.