नई दिल्ली:– केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के 2 संगठनों ‘जम्मू-कश्मीर इत्तिहादुल मुस्लिमीन’ और ‘आवामी एक्शन कमेटी’ को गैरकानूनी संगठन घोषित कर दिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने ‘एक्स’ पर यह जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि ये संगठन लोगों को भड़काने और कानून-व्यवस्था बिगाड़ने के लिए जिम्मेदार पाए गए हैं, जिससे देश की एकता और अखंडता को खतरा हो सकता था।
गृह मंत्रालय के अनुसार, इन संगठनों की गतिविधियों से यह साफ हुआ कि वे जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाने की साजिश रच रहे थे। उनके बयानों और कार्यों से लोगों को हिंसा के लिए उकसाया जा रहा था, जिससे कानून-व्यवस्था पर खतरा मंडरा रहा था। शाह ने स्पष्ट किया कि मोदी सरकार किसी भी राष्ट्रविरोधी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगी।
महबूबा मुफ्ती ने बोला हमला
बैन के फैसले पर पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि इन पर प्रतिबंध लगाना गलत है। मीरवाइज उमर खुद पीड़ित हैं, उनके पिता शहीद हुए थे। मसरूर अंसारी भी इसी तरह के हैं। ये सामाजिक राजनीतिक संगठन हैं। भारत सरकार मीरवाइज के कद को समझती है और उन्हें जेड सुरक्षा देती है और फिर आप उनके संगठन पर प्रतिबंध लगा देते हैं।
मुफ्ती ने कहा, ‘बल प्रयोग की नीति काम नहीं करेगी। ऐसा लगता है कि भारत सरकार उन्हें ब्लैकमेल कर रही है। आप उन्हें सुरक्षा देते हैं और फिर उनके संगठन पर प्रतिबंध लगा देते हैं। मरहम लगाने की जरूरत है
पाकिस्तान में उथल-पुथल
पाकिस्तान में चल रही उथल-पुथल और आतंकी गतिविधियों के बीच सरकार सतर्क है। पाकिस्तान इस समय अपनी सबसे गंभीर सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है। देश को एक नहीं बल्कि चार अलग-अलग खतरनाक संगठनों से लड़ना पड़ रहा है: तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी), बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए), इस्लामिक स्टेट ऑफ खुरासान (आईएसके) और अफगान तालिबान। ये सभी संगठन अलग-अलग उद्देश्यों को लेकर काम कर रहे हैं। लेकिन उनकी संयुक्त गतिविधियां पाकिस्तान की सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और स्थिरता को कमजोर कर रही हैं।