नई दिल्ली:- देशभर में होली का उत्साह चरम पर है. 14 मार्च को होली मनाने के लिए हर जगह तैयारियां चल रही हैं. कई जगहों पर तो आज से ही होली मनाई जा रही है. रंगों का त्योहार कहलाने वाली होली में अगर अबीर, गुलाल और कई तरह के रंग न हों तो यह अधूरा है. होली के चलते बाजार में रंगों की मांग काफी बढ़ जाती है. ऐसे में बढ़ती मांग के चलते बाजार रंगों और गुलाल से पट गया है. बाजार में कई तरह के क्वालिटी वाले रंग उपलब्ध हैं. ये सभी अलग-अलग कीमतों पर आते हैं.
हालांकि, जैसे-जैसे किसी भी चीज की मांग बढ़ती है, नकली उत्पादों का कारोबार भी बढ़ता है. रंगों की मांग को देखते हुए नकली उत्पाद बनाने वालों के हौसले बढ़ गए हैं. कुछ दुकानदार हर्बल रंगों के नाम पर केमिकल वाले रंग बेच रहे हैं. इनसे त्वचा और आंखों को नुकसान पहुंचने का खतरा रहता है. इसलिए आपको नकली रंगों की जांच करने की जरूरत है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप बाजार से रंग खरीदने से पहले कुछ टिप्स अपनाएंगे तो आप मिलावटी रंग की पहचान कर सकते हैं. आइए जानते हैं क्या हैं वो टिप्स…
चमकीले रंग न खरीदें
कुछ दुकानदार ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए काफी चमकीले और गहरे रंग बेचते है. ऐसे में आपको बता दें कि अधिक चमकदार और गहरे रंग अक्सर नकली होते हैं. दरअसल, इन रंगों को आकर्षक और चमकदार बनाने के लिए इसमें कांच का चूर्ण, मोटी रेत, पारा सल्फाइड और कुछ रसायन मिलाए जाते हैं. ये देखने में आकर्षक हो सकते हैं. लेकिन, ये त्वचा के लिए बहुत खतरनाक हो सकते हैं. इसलिए बाजार से रंग खरीदते समय बहुत चमकीले या गहरे रंग न खरीदें.
स्पर्श से पहचानें
अच्छी गुणवत्ता वाले रंगों को स्पर्श से भी पहचाना जा सकता है. गुलाल खरीदने से पहले उसे थोड़ा सा हाथ में लें और अपनी उंगलियों से छू कर देखें. यदि रंग छूने पर बहुत अधिक चिकना या सूखा लगता है, तो इसका मतलब है कि रंग में सिंथेटिक रसायनों की मिलावट की गई है. ऐसे में बता दें कि प्राकृतिक रंगों में मिलावट नहीं होती है. इसका पता आपको इससे चलेगा कि नेचुरल कलर न तो अधिक ऑयली होता और न ही अधिक ड्राई होती और इसका रंग भी बहुत अधिक चमकीला नहीं होता है.
गंध से पता लगाएं
विशेषज्ञों का कहना है कि होली के रंगों में मिलावट का पता लगाने के लिए यह सबसे अच्छा और आसान विकल्प है. इसके लिए अपनी हथेली पर थोड़ा गुलाल या रंग लें और उसे सूंघें. यदि गुलाल में पेट्रोल, मोबाइल ऑयल, केरोसीन ऑयल, केमिकल या किसी अन्य चीज की गंध आती हो तो उसे न खरीदें. समझ लीजिए कि वह गुलाल या रंग नकली है. प्राकृतिक रंगों की गंध कभी भी तेज नहीं होती है.
पानी में घोल कर देखें
रंग की गुणवत्ता पानी की मदद से भी निर्धारित की जा सकती है. इसके लिए डाई रंग को पानी में घोलें. यदि रंग थोड़े समय में पानी में घुल जाता है, तो वह शुद्ध है. यदि इसे घुलने में अधिक समय लगे तो समझ लीजिए कि यह मिलावटी है.
मिलावटी रंगों से त्वचा को खतरा
मिलावटी रंगों में हानिकारक रसायनों का प्रयोग किया जाता है. इससे त्वचा को नुकसान हो सकता है. इसके अलावा, इनसे होली खेलने से आपकी आंखों को भी नुकसान हो सकता है. विशेषज्ञ इस रंग के कारण त्वचा पर चकत्ते, सूजन और कभी-कभी त्वचा कैंसर के खतरे की चेतावनी देते हैं. इसीलिए विशेषज्ञ मिलावटी रंगों के बजाय प्राकृतिक रंगों से होली मनाने का सुझाव देते हैं.