
छत्तीसगढ़ में घुड़सवार स्टूडेंट इन दिनों चर्चा में है। वह बाइक, कार, बस, साइकिल से नहीं, घोड़े पर स्कूल जाता है। 5वीं कक्षा का छात्र मनीष यादव सड़कों से गुजरता है तो लोग देखते रहते हैं। उत्सुकता में उससे नाम, पता पूछते हैं। उसकी उम्र 12 साल है। हाइट थोड़ी कम होने की वजह से वह दौड़ते हुए आता है और उछलकर घोड़े पर चढ़ जाता है।
दरअसल, मनीष बिलासपुर के बेलगहना इलाके में जरगा गांव का रहने वाला है। वह एक महीने से इसी तरह से रोज स्कूल जाता है। शिक्षक बताते हैं कि मनीष स्कूल आता है तब भी अपने घोड़े का पूरा ख्याल रखता है। कक्षा में बैठने के दौरान मनीष का घोड़ा कभी स्कूल के बाहर चरता भी है। वहीं जब वह चरकर वापस लौट आता है तो मनीष उसे स्कूल के बाहर ही एक खूंटे से बांध देता है।
मनीष रोज अपने घर से करीब सुबह 9 बजे निकलता है और बेलगहना के प्राथमिक स्कूल जाता है। मनीष के लौटने का समय 4 बजे है। इस दौरान वो अपने घर से स्कूल तक 5 किलोमीटर का सफर तय करता है। आसपास के लोगों ने बताया कि मनीष जब वापस लौटता है, तब उसे देखने हमारे बच्चे भी घर से निकल जाते हैं। मनीष को देखते हैं तो कहते हैं कि पापा हमें भी घोड़े पर चढ़ना है और ऐसे ही स्कूल जाना है।
मनीष ने बताया कि उसे घोड़े से जाना अच्छा लगता है। धीरे-धीरे इस तरह घोड़े पर चढ़कर स्कूल जाना उसका शौक भी हो गया है। मनीष के दादा दाऊराम ने उसे घुड़सवारी सिखाई है। उन्होंने ही मनीष को घोड़ा लाकर दिया है। पिता अशोक यादव खेती किसानी का काम करते हैं। घर में गाय और अन्य पशु भी है, जिसके माध्यम से वो आसपास के इलाकों में दूध बेचने का काम करते हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि जरगा गांव से बेलगहना तक सड़क ही नहीं है। इसलिए हम पगडंडी का इस्तेमाल करते हैं। कई बार प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं। इसके बावजूद प्रशासन ध्यान नहीं देता। गांव के कई बच्चे ऐसे हैं जो किसी तरह से रोज स्कूल जाते हैं। यहां रोड नहीं होने की वजह से बरसात के दिनों में बहुत दिक्कत होती है। इस पगडंडी रास्ते में कीचड़ हो जाता है, आने जाने में काफी दिक्कतें होती हैं।
बरसात के दिनों में तो कई बच्चे स्कूल भी नहीं जा पाते। ग्रामीणों ने कहा कि मनीष के रोज घोड़े से स्कूल जाने की एक यह भी वजह है। हां, लेकिन मनीष जब घोड़े पर सवार होकर स्कूल जाता है, वो देखकर हमें काफी अच्छा लगता है।