
गौरेला का निवासी मृतक चैन सिंह मैना अपने घर से दवाई लेने के लिये बनझोरका आने की बात कहकर निकला था जो एक दिन तक वापस घर नहीं लौटा। तब मृतक की पुत्री चंद्रकली अपने भाई गणेश के साथ थाना आकर गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज करायी थी जिस पर थाना द्वारा पतातलाश की जा रही थी । वही एक दिन बाद ग्राम नेवरी नवापारा का कोटवार नागेन्द्र सोनवानी थाने में सूचना दिया कि ग्राम बनझोरका टिकरीकला में नवा खेत अरपा नदी में एक अज्ञात शव जिसका एक पैर पानी के उपर दिख रहा है। सूचना तस्दीक हेतु गौरेला थाना प्रभारी अपने स्टाफ के साथ मौके पर पहुंचकर गांव वालों के सहयोग से शव को नदी से बाहर निकाले।
अज्ञात पुरुष के शव के पहचान कराने के लिये आसपास के ग्रामीणों एवं पुत्री चंद्रकली को बुलाया गया। जो कपड़ो से पहचान कर शव को अपने पिता चैन सिंह का होना बतायी । जिस पर मर्ग पंचनामा कार्यवाही बाद शव का पोस्टमार्डम कराया गया जिसमें डॉक्टर द्वारा धारदार हथियार से गले में वार करने से गले की हड्डी टूटने व कोमा में चले जाने से मृत्यु होना बताया गया। पुलिस अधीक्षक शबंसल के द्वारा स्वयं मौके पर जाकर मौका मुआयना कर जांच के संबंध में थाना प्रभारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। साथ ही अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अशोक वाडेगावकर के नेतृत्व में टीम बना कर मामले के हर पहलुओं को ध्यान में रख कर जांच किये जाने का निर्देश दिए।
अमिता बाई को हिरासत में लेकर मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ करने पर बताया गया कि घटना दिनांक 01.10.21 दिन शुक्रवार को रात लगभग 12.00 बजे चैन सिंह अमिता बाई के घर शराब पीकर आया और साथ में शराब भी लेकर आया था। अमिता बाई को उसके घर से कुछ दूर ले जाकर शराब पिलाकर शारीरिक संबंध बना रहा था जिसे मृतक चैन सिंह की बहू और अमिता बाई की बेटी आरोपीया रामप्यारी के द्वारा देख लिया गया । चूकि उक्त अवैध संबंध की जानकारी रामप्यारी को पूर्व से थी और रामप्यारी दोनो को पहले कई बार ऐसा करने से मना कर चूकि थी किंतु दोनो नही माने अपितु चैनसिंह रामप्यारी के साथ पूर्व में मारपीट कर चुका था ।
इस बात से गुस्साई रामप्यारी अपने घर से टंगिया लेकर आई और मृतक चैनसिंह के गले में वार कर दी जिससे चैनसिंह की मौके पर ही मृत्यु हो गई । उसके बाद ये लोग 01 दिन तक लाश को नदी के किनारे नाला में छुपाकर रखे थे । घटना के बारे में पता चला तब कुंवर सिंह, अमिता बाई और अमिता की मां बिरसिया बाई तीनों मिलकर मृतक चैनसिंह के लाश में पत्थर को प्लास्टिक के बोरी से बांधकर अरपा नदी में फेक दिये और अमिता बाई के द्वारा रास्ते में गिरे खुन को खोदकर पानी वाले खेत में डाल दी थी ।