भोपाल:- सृष्टि बनने के बाद से जैसे पृथ्वी सूरज के चक्कर लगा रही है…ठीक उसी तरह आजादी के बाद से हमारा देश चुनावों के इर्द-गिर्द घूमता रहा है। आज ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर बहस कर रहे हमारे देश के चुनावी सफर से क्या आप वाकिफ हैं। कौन नेता बनेगा, कौन चुनाव लड़ेगा और कौन वोट देगा, ये सब तय करने में आजादी के बाद भी 5 साल और लग गए थे।