आज भारत भी पूरी तरह से स्वदेशी कामिकेज़ ड्रोन विकसित कर रहा है. 21वीं सदी के नए युग की ये वॉर मशीने गेम-चेंजिंग हैं. यह ड्रोन लंबे समय तक टारगेट के इलाके में उड़ सकते हैं. इनमें विस्फोटक लगा होता है. दूर बैठा कोई भी व्यक्ति इन्हें कंट्रोल कर सकता
देश समय के साथ आत्मनिर्भर भारत के मंत्र पर काम कर रहा है. इसी कड़ी में अब भारतीय सेना खुद कामिकेज़ ड्रोन बना रही है. यह ड्रोन उड़ान भर कर दुश्मन के इलाके में घुस कर उसे खत्म करेगा. यह भारत का स्वदेशी ड्रोन है. इसमें घरेलू सिस्टम लगाया गया है. ये मानव रहित ड्रोन टारगेट पर जाकर नष्ट हो जाता है. भारतीय सेना की खड़गा कोरे ने ये स्वदेशी ड्रोन बनाए हैं. इसलिए इन्हें नाम दिया गया है खड़गा कामकाजी ड्रोन.खड़गा कामिकेज़ ड्रोन लगभग 30,000 रुपए की कोस्ट से बनकर तैयार हुआ है, यानी ये एक लगत प्रभावी ड्रोन है. वजन में बेहद हल्का, क्वीक लॉन्च और हवाई टारगेट करने में आसान है
. ये आर्मी के ग्राउंड ऑपरेशन के समय दुश्मन की खुफिया जानकारी इकट्ठा कर सकता है.अटैकिंग हमलों को अंजाम देने में सक्षमसाथ ही निगरानी और टोही भूमिकाओं के साथ-साथ दुश्मन बलों पर कामिकेज़ यानी अटैकिंग हमलों को अंजाम देने में सक्षम है. यह एक हाई-डेफिनिशन कैमरे से लैस है, विस्फोटक पेलोड ले जाता है. इसमें जीपीएस नेविगेशन सिस्टम लगाया गया है. दुश्मन के रडार को चकमा दे सकता है और इसमें दुश्मन के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम जैमिंग के लिए जवाबी उपाय भी हैं.
इस तरह के ड्रोन रूस-यूक्रेन और गाजा में इजराइल-हमास संघर्ष में इस्तेमाल हो रहे हैं. यूक्रेन ने इनका इस्तेमाल रूस की पैदल सेना और बख्तरबंद वाहनों को टारगेट करने के लिए बड़े पैमाने पर किया है.क्या है खासियत?ड्रोन लंबे समय तक टारगेट के इलाके में उड़ सकते हैं. इनमें विस्फोटक लगा होता है. दूर बैठा कोई भी व्यक्ति इन्हें कंट्रोल कर सकता है. इन्हें झुंड में यानी कई ड्रोन एक साथ भेजे जा सकते हैं. इससे यह दुश्मन के रडार और डिफेंस से बचकर टारगेट पर हमला कर सकता है.
कहां से आया कामिकेज़ शब्द?कामिकेज़ एक जापानी शब्द है. यह द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हमला करने वाली एक स्पेशल यूनिट से जुड़ा है. इसमें पायलट अपने लड़ाकू विमान क्रैश करके अपने साथ दुश्मनों का खात्मा कर दिया करते थे, तब से किसी भी आत्मघाती अभियान के लिए कामिकेज़ नाम जुड़ गया है.आज भारत भी पूरी तरह से स्वदेशी कामिकेज़ ड्रोन विकसित कर रहा है. 21वीं सदी के नए युग की ये वॉर मशीने गेम-चेंजिंग हैं.