नई दिल्ली:–भारत ने अपनी पूर्वी सीमा पर अब तक की सबसे बड़ी सैन्य तैनाती शुरू कर दी है। बांग्लादेश सीमा से सटे इलाकों में तीन नए रणनीतिक मिलिट्री स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं—असम के धुबरी में लाचित बोरफुकन स्टेशन, बिहार के किशनगंज और पश्चिम बंगाल के चोपड़ा में फॉरवर्ड बेस तैयार किए जा रहे हैं। चोपड़ा बेस बांग्लादेश की सीमा से महज 1 किलोमीटर दूर है, जहां राफेल लड़ाकू विमान, ब्रह्मोस मिसाइल और S-400 एयर डिफेंस सिस्टम जैसी अत्याधुनिक तकनीकें तैनात की जा रही हैं।
इन बेसों में रैपिड डिप्लॉयमेंट फोर्स, पैरा स्पेशल फोर्स, इंटेलिजेंस यूनिट और हाई-टेक सर्विलांस सिस्टम शामिल हैं, जो किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई करने में सक्षम होंगे। यह कदम भारत की रिएक्टिव नहीं, बल्कि प्रो-एक्टिव सैन्य नीति को दर्शाता है। सिलीगुड़ी कॉरिडोर, जिसे चिकन नेक भी कहा जाता है, अब पूरी तरह से भारत की सुरक्षा कवच में आ चुका है।
भारत का यह रणनीतिक कदम बांग्लादेश की नई अंतरिम सरकार के रुख से भी जुड़ा है। शेख हसीना की जगह अब मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में नई सरकार आई है, जिसकी विदेश नीति चीन और पाकिस्तान के नजदीक मानी जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक बांग्लादेश चीन से J-10C फाइटर जेट खरीदने और ड्रोन तकनीक में सहयोग की तैयारी में है, जबकि पाकिस्तान ने उसे JF-17 थंडर जेट ऑफर किया है।
भारत का संदेश अब स्पष्ट है — पूर्वी सीमा से कोई भी देश अगर सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करेगा तो जवाब तत्काल और निर्णायक होगा। सिलीगुड़ी कॉरिडोर अब भारत की कमजोरी नहीं, बल्कि उसकी रणनीतिक ताकत बन चुका है।
