
“कार्य कागजों में पैसा निजी खातों में” उपयुक्त लाइन वर्तमान में चैतमा वन परिक्षेत्र के चर्चित रेंजर मृत्युंजय शर्मा के लिए सटीक होती हैं । शर्मा पूर्व में बांस की अवैध कटाई करवाने के कारण बीट गार्ड द्वारा अपमानित हुए थे जिसकी चर्चा देश प्रदेश तक हुई जांच कमेटी तक बनी लेकिन सम्पति से निकले धन ने मामला रफा दफा करवा दिया फिर सुर्खिया पकड़ी गुणवक्ता हीन स्टॉपडेम निर्माण ने जिसमें घटिया निर्माण और चंद दिनों में लाखों की लागत से बन रहा स्टॉपडेम चंद दिनों में बह जाने जैसी फोटो युक्त खबरें मीडिया में प्रकाशित हुई लेकिन बड़े अधिकारी तक कमीशन की रकम पहुँचने के कारण यह मामला भी ठंडे बस्ते में दब गया । लेकिन कहानी का ट्विस्ट परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा बिना कार्य करवाये सेटेलमेंट का पैसा दूर दराज के युवाओं के खातों में जमा करने का हैं जहाँ लाखों से करोड़ो रूपये का कार्य कागजों में करा कर भिन्न प्रतिशतों के अनुपात में पैसा ऊपर से नीचे तक बंटवारा कर सम्पति अर्जित की जा रही और शासन को भारी भरकम चपत लगाकर राज्य द्रोह जैसा कृत्य किया जा रहा । पूरे मामले से जुड़े कागजी सबूत तथा खाताधारकों द्वारा किए एफिडेविट तो उपलब्ध हैं परंतु खाताधारकों की गोपनीयता एवं सुरक्षा की दृष्टि से उसका प्रकाशन नही किया जा रहा । अधिकारी श्री शर्मा को कागज दिखाकर उनके तथ्य एवं बात जानने का प्रयास किया गया लेकिन उनके द्वारा उक्त मामले में सिर्फ बचने का प्रयास किया जा रहा । चूंकि मामला शासन को भारी भरकम चपत पहुचाने का हैं मुद्दा विधानसभा में उठाते हुए वन मंत्री तथा शासन के संज्ञान में लाया जाएगा तथा आने वाले दिन में EOW/ACB प्रमुख से शिकायत की जाएगी सर्वप्रथम देखना यह कि की मृत्युंजय शर्मा के विरुद्ध हुए स्टाम्प नोटरी को देखकर DFO समा फारूकी CCF नावेद जी एवं विभाग प्रमुख राकेश चतुर्वेदी जी क्या प्रतिक्रिया देते हैं खाताधारकों की गोपनीयता सुरक्षित रखने हेतु खबरों में स्टाम्प की कॉपी बैंक स्टेटमेंट प्रकाशित नही की जायेगी ।