नई दिल्लीः राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर को देशभर में बडे धूम-धाम के साथ मनाई जाएगी, जिसकी तैयारी चल रही हैं। देशभर में गांधी स्मार्कों में नामचीन चेहरे प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि देंगे। साथ ही बाबू जी के बताए रास्ते पर चलने का संकल्प भी लेंगे। महात्मा गांधी की यह 154वीं जयंती होगी, जिस पर बापू द्वारा किए गए कार्यों को याद किया जाएगा।
महात्मा गांधी ने देश की आजादी के लिए दिन रात मेहनत कर भारत को गणतंत्र बनवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बापू ने कई कार्य ऐसे किए जो हर किसी के लिए सीना तानकर जीना सिखाते हैं।
उनके काम याद कर आज देश ही नहीं दुनिया भी लोहा मनता है। छुआछूत से सफाई तक का संकल्प लेने वाले राष्ट्रिता ने अंग्रेजों को हिंसा से नहीं शांति से परास्त करने का काम किया था। इसलिए आज उनके किए गए कुछ कार्यों को बताने जा रहे हैं.छुआछूत पर महात्मा गांधी ने उठाया था बड़ा कदमभारत जब अंग्रेजी हुकूमत से आजादी के लिए लड़ाई लड रहा था तो उस समय कुछ छुआछूत की घटनाएं बड़ी वजह बन रही थी। इतना ही नहीं लड़ाई के समय समाज में सबसे बड़ी बाधा छुआछूत मानी जाती थी। इसके साथ ही मैला ढोने वाले,सफाई करने वाले, दलित महा दलित जातियों के साथ उठना बैठना, खाना-पीना, सामाजिक अपराध माने जाने लगा था।
छुआछूत के खिलाफ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देशभर में अपने सफ़र के दौरान अभियान चलाकर छुआछूत को कम करने का काम किया। इतना ही नहीं चमार जाति के लोगों को समाज में सम्मान दिलाने के लिए हरिजन उपनाम दिया था। प्रभु के लोग, महात्मा गांधी कहा करते थे कि स्वच्छता ईश्वरीय गुण है जो लोग इसे अंजाम देते हैं।
बाल विवाह पर भी सख्त थे महात्मा गांधीराष्ट्रपिता महात्मा गांधी पुरुष के मुकाबले महिलाओं को ज्यादा शक्तिशाली समझते थे। महात्मा गांधी ने एक बार कहा था कि अबला पुकारना महिलाओं की आंतरिक शक्ति को दुत्कारने की तरह है। अब लड़कियों को कम उम्र में शादियां की जाती थीं। इसके साथ ही कम उम्र में ही में विधवा होती महिलाओं को देख बापू का दिल रोता था।वे कहते थे कि बेटे और बेटियों के साथ बिलकुल तरह का व्यवहार करें। जहां तक स्त्रियों के अधिकार का सवाल है। मैं कोई समझौता नहीं करूंगा।