उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग में फंसे मजदूरों को जल्द ही बाहर निकाल लिया जाएगा. इसके लिए अमेरिकन ऑगर मशीन बोरिंंग में लगी हुई है. अब तक 24 फीट तक पाइप डाला जा चुका है. इसी पाइप की मदद से मजदूर बाहर निकाले जाएंगे. इस पाइप की चौड़ाई 900 एमएम है. हालांकि मुश्किल ये है कि पाइप में अभी भी भूस्खलन हो रहा है.
उत्तराखंड के उत्तरकाशी की टनल में फंसी 40 जिंदगियां मौत से जंग लड़ रही हैं, इन्हें बचाने के लिए ऑपरेशन जिंदगी जोरों पर चल रहा है, लेकिन अब तक एक भी मजदूर को बाहर निकालने में सफलता नहीं मिल सकी है. अब अमेरिकन ऑगर मशीन लगातार बोरिंग कर ह्यूम पाइप डाल रही है. अभी तक 24 मीटर तक पाइप डाल लिया गया है. माना जा रहा है कि कल किसी भी वक्त मजदूर बाहर आ सकते हैं.उत्तराखंड चार धाम प्रोजेक्ट के तहत बन रही सुरंग दिवाली वाले दिन यानी 12 नवंबर को धंस गई थी, इससे सुरंग के 200 मीटर अंदर तकरीबन 40 मजदूर फंस गए हैं, इन्हें बचाने के लिए ऑपरेशन जिंदगी चलाया जा रहा है. राहत दल और मजदूरों के बीच मलबे की 70 मीटर चौड़ी दीवार है. जिसमें पाइप फिट कर मजदूरों को बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है.
NHIDCL टनल परिोजना निदेशक अंशू मनीष खलको के मुताबिक 24 मीटर तक पाइप डालने में कामयाबी मिल चुकी है, जल्द ही हम दूसरे छोर तक पहुंचेंगे और मजदूरों को सकुशल बाहर निकाल लेंगे.आखिर हुआ क्या था उस दिनउत्तराखंड के उत्तरकाशी में चार धाम प्रोजेक्ट के तहत टनल बन रही है, इसकी लंबाई तकरीबन साढ़े चार किलोमीटर है, 12 नवंबर को सुबह चार बजे तकरीबन 40 मजदूर टनल के 200 मीटर अंदर काम कर रहे थे. ठीक उसी वक्त अचानक सुरंग की मिट्टी भरभराकर गिर पड़ी. मजदूर जब तक कुछ समझ पाते तब तक उनके आगे तकरीबन 60 मीटर मलबे की दीवार बन चुकी थी.
बाद में 10 मीटर तक मलबा और गिरा यह दीवार 70 मीटर की हो गई.फिर शुरू हुआ ऑपरेशन जिंदगीमजदूरों के फंसने के साथ ही ऑपरेशन जिंदगी शुरू कर दिया गया. सबसे पहले मलबा हटाने का प्रयास किया गया, लेकिन 70 मीटर तक ऐसा किया जाना मुमकिन नहीं था, क्योंकि सुरंग और धंस रही थी, ऐसे में मलबे में ड्रिल कर एक पाइप डाला गया, जिसके जरिए मजदूरों को खाना-पानी पहुंचाया जाने लगा. अगले दिन 35 इंच के पाइप को अंदर डालने की कोशिश की गई, ताकि मजदूर आ सकें, लेकिन यह कोशिश भी पूरी नहीं हुई, क्योंकि एस्केप टनल बनाते समय मशीन खराब हो गई. 15 नवंबर को मजदूरों ने राहत कार्य में लापरवाही का आरोप लगाया तो पीएमओ के निर्देश पर अमेरिकन ऑगर मशीन को दिल्ली से भेजा गया, 16 नवंबर की शाम से यह मशीन बोरिंग कर रही है. माना जा रहा है कि 18 नवंबर की सुबह तक पाइप को मजदूरों तक पहुंचाया जा सकेगा. 24 मीटर तक इसकी खुदाई हो चुकी है.
अमेरिकन ऑगर मशीन 24 मीटर मलबे के अंदर पाइप डाल चुकी है. इन पाइपों की चौड़ाई 900 एमएम है, इन्हीं पाइपों की मदद से मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा. अभी तक 6-6 फीट के 4 पाइप अंदर डाले जा चुके हैं, इन पाइपों को आपस में जोड़ने के लिए वेल्डिंग की जा रही है. मुश्किल ये है कि सुरंग में अभी भी भूस्खलन हो रहा है. इसीलिए अभियान में समय लग रहा है. तब तक श्रमिकों तक खाने-पीने की चीजें और ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जा रही है. खासतौर पर इन्हें सूखे मेवे उपलब्ध कराए जा रहे हैं.पीएम को दी जा रही पल-पल अपडेटउत्तरकाशी की सुरंग में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की पल-पल की अपडेट पीएम नरेंद्र मोदी को दी जा रही है. शुक्रवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों के साथ फिर एक बार बैठक की. मीडिया से बातचीत में धामी ने बताया कि पीएम लगातार रेस्क्यू मिशन पर नजर रख रहे हैं. सारी एजेंसियां और तकनीकी विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है. पीएम को हर नए अपडेट के बारे में बताया जा रहा है. आर्मी और एयरफोर्स की टीम भी बचाव कार्य में जुटी हुई है.
उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए थाईलैंड के उन विशेषज्ञों से संपर्क किया जा रहा है, जिन्होंने पांच साल पहले थाईलैंड की जूनियर फुटबॉल टीम को एक गुफा से रेस्क्यू किया था. उस वक्त गुफा देखने गई टीम अचानक पानी की वजह से गुफा में ही फंस गई थी, यह टीम तकरीबन 18 दिन तक फंसी रही थी, बाद में उसे सैकड़ों गोताखोरों की मदद से बाहर निकाला जा सका था.