सीवान।बिहार का सबसे बड़ा पर्व छठ होता है. लोग साल भर कहीं भी रहते हों लेकिन छठ में अपने घर जरूर आना चाहते हैं. लोगों को छठ पर्व का इंतजार रहता है. बिहार के लगभग सभी हिन्दुओं के घर छठ पर्व होता है, लेकिन ऐसा नहीं है कि सिर्फ हिन्दू ही छठ का व्रत करते हैं बल्कि कई ऐसे मुस्लिम परिवार भी हैं, जिनकी छठी मैया में आस्था है और उनके घर भी छठ का व्रत किया जाता है.
ऐसा ही एक परिवार सीवान जिला के बिठुना गांव निवासी अजहर मियां का है. अजहर की पत्नी सफेदा हर साल छठ का व्रत करती है. छठी मैया में उनकी बड़ी आस्था है. दरअसल, उनके बेटे का पैर टूट गया था. सफेदा बताती है कि कई जगहों पर बेटे का इलाज करवाया, लेकिन उसका पैर कहीं भी ठीक नहीं हो सका. लोगों ने कहा कि अब पैर को काटना पड़ेगा. इस तरह की बातों से सफेदा पूरी तरह टूट गई थी.
जब सभी जगहों से निराशा हाथ लगी तब सफेदा छठी मैया के शरण में चली गई. सफेदा को उम्मीद थी कि छठी मैया उसके ऊपर आए इस दुख को दूर करेगी और ऐसा हुआ भी. छठी मैया ने उसकी मनोकामना पूरी की और बेटा का पैर ठीक हो गया. तब से सफेदा हर साल छठ व्रत करती है.