नई दिल्ली :- तेल और घी भारतीय खानपान की जान है. तड़का से लेकर छौंक तक में इनका इस्तेमाल होता है. पर क्या आप जानते हैं कि खाने का कौन सा तेल सबसे अच्छा है? साइंस के मुताबिक जिस तेल में असंतृप्त वसा यानी अनसैचुरेटेड फैट की मात्रा अधिक होती है उन्हें आमतौर पर स्वास्थ्यवर्धक विकल्प माना जाता है. ये हृदय से लेकर स्किन और ओवरऑल हेल्थ के लिए लाभदायक हैं. पर सैचुरेटेड फैट वाले तेल स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक हैं.
साइंस के मुताबिक जैतून का तेल खाने के तेल में सबसे बेहतर विकल्प है. जैतून का तेल या ऑलिव ऑयल, मोनो अनसैचुरेटेड फैट और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है जो कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर, टाइप 2 डायबिटीज को कम करने में मदद कर सकता है. साथ ही यह दिमाग के लिए भी फायदेमंद है.
एवोकैडो का तेल भी एक हेल्दी विकल्प है. इसमें ओलिक एसिड के साथ-साथ मोनो अनसैचुरेटेड फैट होता है, जो कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद कर सकता है. इसके अलावा एवोकैडो ऑयल ल्यूटिन से भरपूर होता है, जो आंखों के स्वास्थ्य और स्किन के लिए बहुत अच्छा है.
कुकिंग के लिए अलसी का तेल भी एक हेल्दी ऑप्शन है. इसमें अल्फा-लिनोलेनिक एसिड पाया जाता है, जो हृदय के लिए बहुत अच्छा माना जाता है. यह सूजन में कमी से लेकर गठिया और स्वस्थ दिमाग के लिए भी बहुत जरूरी है. इसके अलावा तिल का तेल भी स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक तिल का तेल एंटीऑक्सिडेंट और सूजन-रोधी गुणों से भरपूर होता है.
खाना पकाने के लिए सरसो का तेल भी बेहतर विकल्प है. इसमें ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड पाया जाता है जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है. हालांकि सरसो के तेल में इरुसिक एसिड भी होता है, जिसका अधिक मात्रा में सेवन खतरनाक हो सकता है. इसके अलावा सूरजमुखी का तेल, मूंगफली का तेल भी अनसैचुरेटेड फैट की कैटेगरी में आता है.
भारत में ज्यादातर लोग खाना पकाने के लिए पाम ऑयल ताड़ की गरी का तेल, नारियल का तेल और देसी घी इस्तेमाल करते हैं. ये सैचुरेटेड फैट की कैटेगरी में आते हैं और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं. इनका लंबे समय तक सेवन करने से कई बीमारियां हो सकती हैं. एक्सपर्ट्स कहते हैं कि कुकिंग के लिए लंबे समय तक एक ही तेल का इस्तेमाल करने की जगह बदल-बदलकर करना ज्यादा बेहतर है और स्वास्थ्य के लिए भी लाभप्रद है.