रायपुर :- सुरक्षा बलों ने छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर कर्रेगुट्टालू के जंगलों में छह दिनों तक गहन तलाशी अभियान चलाया, जिसका उद्देश्य नक्सलियों की मौजूदगी को जड़ से खत्म करना था. अभियान के दौरान बलों ने कर्रेगुट्टा को चारों तरफ से घेर लिया. इस दौपरान सुरक्षा बलों ने एक विशाल भूमिगत सुरंग की खोज की, जिसमें 1,000 लोगों तक के रहने की जगह थी.
एक बड़ी गुफा के भीतर स्थित इस विशाल सुरंग में पानी की सप्लाई और अन्य आवश्यक सुविधाएं पाई गईं, जिससे पता चलता है कि यह कई महीनों से इस्तेमाल हो रही थी. जांच से पता चला कि नक्सली इस सुरंग का इस्तेमाल आश्रय और ऑपरेशनल बेस के रूप में कर रहे थे.
बता दें कि तेलंगाना के कर्रेगुट्टालू के घने जंगल में सुरक्षा बलों के खिलाफ माओवादियों का तलाशी अभियान जारी है. इस अभियान में जवानों को जंगल में युद्ध के दौरान लगभग 44 डिग्री सेल्सियस के भीषण तापमान का सामना करना पड़ा.
वहीं, घबराए हुए स्थानीय लोगों ने शुक्रवार रात को इलाके में बम विस्फोटों और भारी गोलीबारी की तेज आवाजें सुनीं. इससे आसपास के आदिवासी समुदायों में व्यापक दहशत फैल गई. वहीं, शनिवार की सुबह, चार हेलीकॉप्टर सुबह 7 बजे से कर्रेगुट्टालू क्षेत्र में चक्कर लगाते देखे गए. गलगाम के जंगलों में माओवादियों द्वारा लगाए गए आईईडी विस्फोट में जिला रिजर्व गार्ड का एक जवान घायल हो गया और बाद में उसे इलाज के लिए बीजापुर जिला अस्पताल ले जाया गया.
बीहड़ इलाके में भीषण लड़ाई
यह अभियान मुलुगु जिले के वेंकटपुरम सीमा पर कोथापल्ली से लेकर छत्तीसगढ़ के भीमारामपाडु, कस्तूरीपाडु, चिनुतलापल्ली, पेधौतलापल्ली, पूजारीकंकर, गुंजापर्थी, नांबी, एलामिडी, नाडिल्ली और गलगाम जैसे क्षेत्रों तक फैला हुआ है.
कड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षा बलों ने शनिवार शाम तक पहाड़ियों के कुछ हिस्सों पर चढ़ने में कामयाब रहे और कथित तौर पर एक सुरंग की खोज की, जिसका इस्तेमाल माओवादियों द्वारा छिपने के लिए किया जा रहा है.
पुलिस अधिकारियों ने तीन महिला माओवादियों के शव बरामद होने की पुष्टि की है, साथ ही हथियार और बड़ी मात्रा में विस्फोटक भी बरामद किए हैं. हालांकि, माओवादियों के भारी हताहत होने की व्यापक रिपोर्ट के बावजूद, अधिकारियों ने अभी तक आधिकारिक तौर पर संख्या की पुष्टि नहीं की है.
लड़ाकू गियर में फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस
कथित तौर पर कर्रेगुट्टालू अभयारण्य में फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (FOB) का निर्माण तेजी से आगे बढ़ रहा है. अबूझमाड़ की तरह, जहां FOB के साथ मजबूत नक्सल प्रभाव को खत्म किया गया था, माओवादी गतिविधियों को रोकने के लिए यहां भी इसी तरह की रणनीति लागू की जा रही है.
इन पहाड़ियों के पास भीमरामपाडु, पूजारीकंकर, नांबी, गलगाम (छत्तीसगढ़) और पुसुगुप्पा (भद्राद्री कोठागुडेम जिला, तेलंगाना) में बेस कैंप पहले से ही काम कर रहे हैं. कथित तौर पर कर्रेगुट्टालू के पास पामुनूर, ताडापला और पेनुगोले में नए बेस बनाए जा रहे हैं.
एम-17 हेलीकॉप्टर और ड्रोन निगरानी
इस अभियान को रक्षा बलों के 2 से 3 एम-17 हेलीकॉप्टरों का भरपूर समर्थन प्राप्त है, जो इस क्षेत्र के ऊपर लगातार मंडराते रहते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक बंकरों में छिपे माओवादियों को खदेड़ने के लिए बड़ी संख्या में बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (BGL) तैनात किए जा रहे हैं.
इसके अलावा ऊबड़-खाबड़ इलाकों में लगातार निगरानी बनाए रखने के लिए दर्जनों एडवांस ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि यह निर्णायक माओवादी विरोधी अभियान एक और सप्ताह तक जारी रहने की संभावना है, जिसमें बलों की सहायता के लिए पर्याप्त आपूर्ति और सुदृढीकरण पहले ही भेजा जा चुका है.