नई दिल्ली:– महिलाओं के सशक्तिकरण और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार लगातार नई योजनाएं लागू कर रही है। इन्हीं योजनाओं में एक अहम योजना है उद्योगिनी योजना, जिसके तहत महिलाओं को स्वरोजगार शुरू करने के लिए बिना किसी गारंटी के ऋण उपलब्ध कराया जाता है।
खास बात यह है कि इस योजना में महिलाओं को प्रोसेसिंग फीस भी नहीं देनी पड़ती। फिलहाल इस योजना का लाभ कर्नाटक राज्य की महिलाएं उठा सकती हैं।
क्या है उद्योगिनी योजना
उद्योगिनी योजना का उद्देश्य महिलाओं को छोटे स्तर पर व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इसके तहत महिलाओं को अधिकतम 3 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाता है, जिससे वे ब्यूटी पार्लर, सिलाई-कढ़ाई, डेयरी, किराना दुकान जैसे छोटे उद्योग शुरू कर सकें। योजना में महिलाओं को 88 प्रकार के उद्योगों में प्रशिक्षण प्रमाणपत्र लेने की सुविधा भी मिलती है।
इस योजना का लाभ 18 से 55 वर्ष की महिलाएं उठा सकती हैं। हालांकि, इसके लिए कुछ शर्तें तय की गई हैं। आवेदक महिला के परिवार की वार्षिक आय 1.5 लाख रुपये से कम होनी चाहिए। आय सीमा के भीतर आने वाली महिलाओं को ही इस योजना के तहत ऋण की सुविधा दी जाती है।
कितनी मिलती है सब्सिडी
उद्योगिनी योजना में सब्सिडी का भी प्रावधान है। अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) की महिलाओं को सरकार की ओर से 50 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। वहीं, सामान्य वर्ग की महिलाओं को 30 प्रतिशत तक यानी अधिकतम 90 हजार रुपये की सब्सिडी का लाभ मिलता है।
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज
योजना में आवेदन करते समय महिलाओं को आधार कार्ड, पैन कार्ड, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र और प्रोजेक्ट रिपोर्ट जमा करनी होती है। प्रोजेक्ट रिपोर्ट में यह बताना जरूरी है कि वे किस प्रकार का व्यवसाय शुरू करना चाहती हैं।
कहां और कैसे करें आवेदन
उद्योगिनी योजना का लाभ लेने के लिए महिलाएं अपने नजदीकी बैंक शाखा में जाकर आवेदन कर सकती हैं। आवेदन के समय सभी आवश्यक दस्तावेज साथ रखना जरूरी है। यह योजना महिलाओं को स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
