नई दिल्ली:-माँ बाप के उपर ही पुरी तरह निर्भर करता हैं कि उनके बच्चों की परवरिश कैसे होगी. चाहे बेटा हो या बेटी, कुछ पैरेंटिंग गाइडलाइन्स एक जैसी ही होती हैं. लेकिन लड़की के मां-बाप लड़के की तुलना में उनकी परवरिश में अधिक ध्यान देते हैं. अपने बेटे को बढ़ा करते समय पैरेंट्स कई जरूरी बातों को ध्यान में नहीं रखते हैं जिसकी वजह से बच्चे में आत्मविश्वास की बहुत कमी रह जाती हैं और बड़े होने पर उसे बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ता है. अगर आप इससे बचना चाहते हैं भूलकर भी अपने छोटे बच्चे के सामने इन बातों की चर्च ना करें.
बेटे से ना बोलें ये बातें |
रोना गलत होता है
ज्यादातर मां-बाप अपने बेटे को बचपन से ही बताते हैं कि लड़कों को रोना नहीं चाहिए और रोना गलत होता है. लेकिन पैरेंट्स को ये बात अपने बेटे को कभी नहीं कहना चाहिए. ये बच्चे के बालमन में गहरा असर कर जाती हैं. इससे बच्चा अपने मन की बातें मन में ही रखना शुरू कर देता है.
तानें देना है गलत
अक्सर मां-बाप अपने बेटे से ताने मारकर बात करते हैं. अगर लड़का हैं और घर पर बैठा है तो कम उम्र से ही उसे कहने लगते हैं कि सिर्फ घर में बैठकर खाता है. लेकिन इन तानों से बच्चे के मन पर नाकारात्मक प्रभाव होता है. वो खुद को कमजोर महसूस करना शुरू कर देता है.
अपने बेटे को गलत ठहराना
पैरेंट्स की आदत होती हैं कि वो पूरी दुनिया में अपने बेटे पर ही सबसे कम भरोसा करते हैं. घर में या घर के बाहर कुछ भी होने पर वो अपने बेटे को ही ब्लेम करते हैं. चाहे उसकी गलती हो या ना हो. लेकिन ये भी बहुत बुरी बात होती हैं. ऐसा करने से आपका बेटा सेल्फ कॉन्फिडेंस खो देता है. कई बार ऐसे में वो अपने मां-बाप को ही बुरा समझने लगता है.
कम्पेयर ना करें
बेटा हो या बेटी हो, उसकी दुसरों से तुलना करने की मां-बाप की आदत होती हैं. छोटे उम्र में उसकी हरकतों की तुलना, फिर उसके रिजल्ट की तुलना और बड़े होने पर उसके काम की तुलना. लेकिन ऐसा करने से बच्चे के मन में दुसरे व्यक्ति के लिए द्वेष की भावना पैदा हो सकती है.