: लिवर को शरीर का सुपरहीरो कहा जाता है और हेल्दी रखने के लिए इसे 24 घंटे काम करना पड़ता है। डिटॉक्सिफेकशन, कार्बोहाइड्रेट और फैट प्रोटीन को मेटाबॉलाइज करना इसका प्रमुख काम है। यह कोलेस्ट्रॉल, विटामिन, प्रोटीन, केमिकल और अन्य मेटाबोलाइट्स का उत्पादन भी करता है। लेकिन आज की सुस्त जीवनशैली और अधिक कैलोरी लेने से अधिक से अधिक लोग फैटी लिवर की चपेट में आ रहे हैं।
बैंगलुरु के सकरा वर्ल्ड हॉस्पिटल में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी और हेपेटोलॉजी के डायरेक्टर Dr. Lorance Peter ने बताया कि लिवर में लगभग 5% फैट होनी चाहिए, लेकिन जब लिवर जरूरत से अधिक फैट जमा करना शुरू कर देता है तो फैटी लिवर डिजीज होती है। इसकी वजह से लिवर बड़ा और चमकीला हो जाता है।फैटी लिवर डिजीज का मतलबफैटी लिवर डिजीज का मतलबडॉ. ने बताया फैटी लीवर डिजीज को हेपेटिक स्टीटोसिस भी कहते है। इसमें लिवर की सेल्स बहुत अधिक फैट इकट्ठा कर लेती हैं, जो कि इसके नॉर्मल मेटाबॉलिज्म को बाधित कर देता है।
इसके दो मुख्य प्रकार हैं: एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (एएफएलडी) अधिक शराब पीने के कारण होता है और नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज (एनएएफएलडी) मोटापा, मधुमेह या मेटाबॉलिक डिस्फंक्शन से जुड़ा है।एनएएफएलडी दुनिया भर में एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या है, जो लाखों लोगों को प्रभावित करती है। हाल ही में NAFLD का नाम बदलकर MASLD (मेटाबॉलिक डिस्फंक्शन एसोसिएटेड स्टीटोसिस लिवर डिजीज) कर दिया गया है। अधिकांश लोगों में कोई लक्षण नहीं हो सकते हैं। कुछ लोगों को अपने पेट के दाहिनी ओर थोड़ी असुविधा या भारीपन महसूस हो सकता है, खासकर भारी भोजन खाने के बाद ऐसा होता है।
रसोई में रखा फैटी लिवर का इलाजFatty Liver Home Remedy;फैटी लिवर के इलाज के लिए किचन की इन चीज़ों का करें इस्तेमालफैटी लिवर के 6 कारणफैटी लिवर के 6 कारणबहुत अधिक चीनी, जंक कार्ब्स और खराब फैट वाली अनहेल्दी डाइटसुस्त और आलस भरी लाइफस्टाइलमोटापा या अतिरिक्त वजनइंसुलिन से जुड़ी दिक्कतेंहेरेडेटरीहाई बीपी, हाई कोलेस्ट्रॉल, प्री डायबिटीज जैसे मेटाबॉलिक सिंड्रोमइन्हें तुरंत जाना चाहिए अस्पतालइन्हें तुरंत जाना चाहिए अस्पतालगंभीर फैटी लिवर, लिवर फाइब्रोसिस, लगातार बढ़े हुए लिवर एंजाइम या डायबिटीज व हाई बीपी के 40 वर्ष से अधिक उम्र के मरीजों को तुरंत इलाज की जरूरत होती है।
फाइब्रो स्कैन या एपीआरआई स्कोर और एफआईबी4 स्कोर जैसे टेस्ट से लिवर डैमेज का आकलन किया जाता है। जिससे वक्त पर इलाज उपलब्ध करवाया जा सके। कई बार जान बचाने के लिए लिवर ट्रांसप्लांट भी किया जाता है।इन टेस्ट से होता है निदानइन टेस्ट से होता है निदानफैटी लिवर की स्टेज , गंभीरता और कारण का पता करने के लिए इन टेस्ट की मदद ली जाती है।अल्ट्रासाउंडलिवर फंक्शन टेस्टब्लड टेस्टफाइब्रोतुरंत बदल डालें ये कामतुरंत बदल डालें ये कामइससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि बीमारी की स्टेज क्या है, आपको अगर सही होना है तो कुछ बदलाव करने ही होंगे। वजन कम करना, वजन का लगभग 10% या 21 से 22 का बीएमआई प्राप्त करना लक्ष्य होना चाहिए। सप्ताह में कम से कम पांच बार कार्डियो और स्ट्रेंथ वर्कआउट के साथ एक्टिव रहें।
पूरे दिन की कैलोरी 1400 से कम होनी चाहिए। साथ ही अधिक प्रोटीन और कम कार्ब्स, फैट और शुगर वाले फूड्स खाएं।फैटी लिवर की दवाएं और थेरेपीफैटी लिवर की दवाएं और थेरेपीमधुमेह जैसे मेटाबॉलिक कारणों को मैनेज करना महत्वपूर्ण है। डॉक्टर फैट की स्टोरेज, सूजन और लिवर फंक्शन को ठीक करने के लिए सरोगलिटज़ार या विटामिन ई जैसी दवाओं की सलाह दे सकते हैं।