: मां बनना हर महिला का सपना होता है. इसकी खास तैयारी करती हैं. नन्हें मेहमान का ग्रांड वेलकम करने की खुशी मन ही मन चलती है. यही कारण है कि प्रेगनेंसी से लेकर डिलीवरी तक का पल उनके लिए स्पेशल होता है. डिलीवरी से पहले डॉक्टर के डेट बताते हैं, जिस पर बच्चा पैदा होता है. हालांकि, कई बार यह डेट आगे-पीछे भी हो जाती है. ऐसे में सवाल उठता है कि डॉक्टर की बताई डेट पर ही बच्चा पैदा हो, इस बात की कितनी संभावना होती है, आइए गायनोलॉजिस्ट से समझते हैं…
क्या ड्यू डेट पर ही पैदा होता है बच्चाएक्सपर्ट्स का कहना है कि डिलीवरी की परफेक्ट ड्यू डेट को गारंटी के साथ बता पाना संभव नहीं होता है, क्योंकि कभी-कभी पीरियड बंद होने के दूसरे दिन ही कोई महिला कंसीव कर लेती है और कभी-कभी इसमें 10-15 दिनों का वक्त लग जाता है. ऐसे में फर्टिलाइजेशन से 270 से 300 दिनों के बीच बच्चा पैदा हो सकता है. किसी-किसी महिला की तो 9, 10 महीनों में भी डिलीवरी होती है.
डिलीवरी की डेट का पता कैसे लगाया जाता हैगायनोलॉजिस्ट्स का कहना है कि आमतौर पर डिलीवरी की संभावित तारीख जानने के लिए पिछले पीरियड के पहले दिन से 280 दिन मानकर या 40 हफ्ते जोड़कर ही निकाली जाती है. यही कारण है कि प्रेगनेंट महिला से उसकी पिछले पीरियड की शुरू होने की डेट पूछी जाती है. महिलाएं चाहें तो खुद भी 280 दिन जोड़कर कैलेंडर में अपनी डिलीवरी की संभावित डेट जान सकती हैं.इस बात का ध्यान रखें कि पीरियड और ओव्यूलेशन को प्रेगनेंसी के पहले दो हफअतों में गिना जाता है, इसलिए अगर बच्चा 40वें हफ्ते में बताई गई डेट पर पैदा हो तो वह 38 हफ्तों का ही होता है.
प्रेगनेंसी बढ़ने के साथ बच्चे की ग्रोथ अल्ट्रासाउंड से देखी जाती है. कई बार इससे ही डिलीवरी की डेट तय की जाती है. जैसे हेल्दी और ज्यादा वजन के बच्चे को डॉक्टर कुछ दिन पहले ही पैदा कर सकते हैं.क्या आगे-पीछे हो सकती है डिलीवरी की तारीखगायनोलॉजिस्ट का कहना है कि एक चार्ट निकालकर डिलीवरी की संभावित तारीख बताई जाती है लेकिन इस पर पूरी तरह डिपेंड नहीं रहना चाहिए, क्योंकि यह सिर्फ संभावित ड्यू डेट ही होती है. जरूरी नहीं कि बच्चा इसी डेट पर पैदा हो, क्योंकि हर प्रेगनेंसी अलग-अलग तरह की होती है. इसलिए डिलीवरी 10-15 दिन पहले या बाद में भी हो सकती है.