छत्तीसगढ़:– अचानकमार टाइगर रिजर्व व डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के बीच सोमवार को महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें टाइगर रिजर्व की बेहतरी के लिए चर्चा हुई। इसके साथ बाहर से आने वाले बाघ व चीतल के लिए बनाए जा रहे बाड़े में डब्ल्यूडब्ल्यूएफ सोलर फेंसिंग भी करेगा। जिससे की हाथी बाड़े को क्षति न पहुंचा सके। पिछले दिनों ही डब्ल्यूडब्ल्यूएफ और एटीआर प्रबंधन के बीच पांच साल के लिए अनुबंध हुआ है।
इस अनुबंध के तहत डब्ल्यूडब्ल्यूएफ अचानकमार टाइगर रिजर्व की तकनीकी मजबूती के लिए हर संभव प्रयास करेगा। इस अनुबंध के बाद यह पहली बैठक थी। इसमें डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के डायरेक्टर संकेत भाले, सेंट्रल इंडिया के टीम लीडर सोमेन डे, अचानकमार टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर मनोज पांडेय और डिप्टी डायरेक्टर यूआर गणेश के अलावा डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के छत्तीसगढ़ प्रभारी उपेंद्र दुबे मौजूद थे।
बैठक के दौरान अचानकमार टाइगर रिजर्व, बांधवगढ़ व कान्हा कारिडोर प्रबंधन के कार्ययोजना निर्माण को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। इसी तरह फेज फोर मानिटरिंग संबंधित प्रोटोकाल को और सुदृढ़ करने के साथ वन्यजीव की संख्या में बढ़ोतरी को लेकर बात हुई। इसके अलावा टीसीपी निर्माण के मुख्य बिंदु अधिकारियों के बीच चर्चा हुई।
इसके साथ ही बाघों की संख्या बढ़ाने और अचानकमार टाइगर रिजर्व को बेहतर करने के लिए ग्रामीणों से सहयोग लेने की बात भी कही गई। इसके लिए डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के सदस्य गांव-गांव जाएंगे और वहां ग्रामीणों से बातचीत करेंगे। इसके साथ ही टाइगर रिजर्व की सीमा से वनमंडल से भी बाघ व अन्य वन्य प्राणियों के मूवमेंट पर चर्चा की जाएगी और उनसे भी मदद मांगी जाएगी।
मालूम हो कि अचानकमार टाइगर रिजर्व में दूसरे टाइगर रिजर्व से बाघ लाने की योजना है। इसके लिए बाड़ा निर्माण का कार्य चल रहा है। लेकिन, प्रबंधन के सामने एक बड़ी समस्या यह आ रही है कि हाथी इस बाड़े की घेराबंदी क्षतिग्रस्त कर देते हैं। बैठक में इस पर चर्चा हुई और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने बाड़ा निर्माण के लिए सोलर फेंसिंग करने के आश्वासन दिया। इसमें जितना भी खर्च आएगा, उसे डब्ल्यूडब्ल्यूएफ वहन करेगा।
इस फेंसिंग के लगने से हाथी नजदीक तो जाएंगे लेकिन, क्षतिग्रस्त नहीं कर पाएंगे। चर्चा के दौरान टूरिज्म को बढ़ावा देना भी अहम बिंदु था।
दो किमी में बन रहा है बाड़ा
टाइगर रिजर्व में दो किमी के दायरे में बाड़ा बन रहा है। इस बाड़े को दो हिस्से में बांटा गया है। इसमें से एक में चीतलों को रखा जाएगा और दूसरे बाड़े में बाहर से आने वाले बाघ रहेंगे। बाघ इसलिए लाए जा रहे हैं, ताकि अचानकमार में बाघों की संख्या बढ़ सके।