हैदराबाद:- Yahoo एक फेमस ब्राउज़र ब्रांड है, जो अपने खुद के वेब ब्राउज़र प्रोटोटाइप पर काम कर रहा है. कंपनी का कहना है कि अगर अदालत ने गूगल को अपने क्रोम ब्राउज़र को बेचने का आदेश दिया, तो वह इसे खरीदने के लिए तैयार है. इस जानकारी के बारे में उस वक्त पता चला है कि जब अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) ने गूगल के सर्च एकाधिकार को खत्म करने के प्लान्स का ऐलान किया था.
न्याय विभाग ने प्रस्तावरखा है कि जज अमित मेहता गूगल को तोड़कर उसे अपने क्रोम ब्राउज़र को बेचने का आदेश दें. डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस का मानना है कि क्रोम एक महत्वपूर्ण वितरण चैनल है, जो गूगल के पॉपुलर सर्च इंचन को बढ़ावा देता है. इस कारण गूगल अपने किसी भी कंप्टीटर के लिए कंप्टीशन को काफी मुश्किल बना रहा है.
क्रोम को खरीदने वाले दावेदार
हालांकि, आपको बता दें कि सिर्फ याहू ही नहीं एकमात्र कंपनी नहीं है जो क्रोम को खरीदने में रुचि रखती है.
DuckDuckGo के CEO ने बताया कि वो इसे खरीद नहीं पाएंगे, लेकिन Perplexity और OpenAI ने क्रोम ब्राउज़र के लिए रुचि जाहिर की है. इन दोनों कंपनियों के गवाहों ने अदालत में कहा कि वो इस ब्राउज़र को खरीदना चाहेंगे. याहू इस वेब ब्राउज़र को खरीदने के लिए कई कंपनियों से बात कर रही है, लेकिन अभी तक किसी भी कंपनी का नाम नहीं लिया है.
इसके अलावा याहू खुद भी अपने वेब ब्राउज़र का प्रोटोटाइप तैयार कर रही है, जिसके लिए कंपनी को 6 से 9 महीने का वक्त लग सकता है. कंपनी अपने ब्राउज़र के बारे में सोच रही है कि उसे बाजार में कैसे लाया जा सकता है. Yahoo Search के जनरल मैनेजर Brian Provost ने अदालत में बताया कि दुनियाभर में की जाने वाले सर्च क्वेरी का 60% हिस्सा वेब ब्राउज़र के माध्यम से सर्च किया जाता गै और लोग सीधे एड्रेस बार में जाकर ही सर्च करते हैं. इस कारण से Provost ने बताया कि पिछले साल से Yahoo ने “एक ब्राउज़र के प्रोटोटाइप को अंदर ही अंदर डेवलप करना शुरू कर दिया था, ताकि यह समझ सके कि मार्केट में एक ब्राउज़र लॉन्च करने के लिए क्या करना होगा.