नई दिल्ली :- इस दुनिया मे जीवित रहने के लिए हर एक प्राणी और पेड़, पौधों को पानी की जरूर होती है, लेकिन बढ़ती आबादी के कारण साफ पानी मिलना मुश्किल होता जा रहा है. इसके साथ ही हर साल पानी से होने वाली कई तरह की बीमारियां लोगों को प्रभावित कर रही है. पूरी दुनिया में पानी से होने वाली सबसे आम बीमारियों में से एक है डायरिया. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमान के अनुसार दुनियाभर में 80 प्रतिशत बीमारियां पानी के दूषित होने से ही होती है. भारत में असंख्य लोग अस्वच्छ परिस्थितियों में रहते हैं. ये परिस्थितियां पानी से होने वाली कई तरह की बीमारियों को जन्म दे सकती हैं. आइए जानते हैं दूषित पानी से होने वाली बीमारी, इसके लक्षण और उपचार.
दूषित पानी या भोजन से खतरनाक वायरस, बैक्टीरिया फैलते हैं. पानी से जो बीमारियां होती हैं वो वायरस और बैक्टीरिया जैसे सूक्ष्मजीवों के कारण पनपती हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में होने वाली ज़्यादातर बीमारियों का मुख्य कारण पानी का दूषित होना माना जाता है. जिससे टाइफाइड, कॉलेरा, वायरल हैपेटाइटिस और डायरिया जैसी खतरनाक बीमारियां पैदा हो सकती हैं.
दूषित पानी से कई तरह की बीमारियां होती हैं जिनके कई अलग-अलग कारण हैं. वैज्ञानिक तौर पर इन्हें दो भांगों में बांटा गया है. दूषित पानी और दूषित पानी के संपर्क में आना. दूषित पानी बीमारियों का पहला कारण हो सकता है. ऐसा तब होता है जब पृथ्वी के अंदर का पानी, सीवेज, फैक्ट्री से निकली गंदगी या कृषि क्षेत्र से निकला प्रदूषित पानी प्राकृतिक स्तोत्र जैसे झीलें और नदियां में मिलकर उसे प्रदूषित करते हैं. इसके अलावा कई लोग नदी में नहाते समय उस नदी को दूषित करते हैं
टाइफाइड
ये एक प्रकार का बुखार है और यह भारत में आम संक्रमण माना जाता है. ये संक्रामक बीमारी दूषित भोजन या दूषित पानी के नियमित सेवन से होती है. अस्वच्छ लाइफस्टाइल के कारण ये संक्रमण तेज़ी से बढ़ता है और अन्य लोगों में फैलता है. टाइफाइड के कारण गंभीर समस्याएं हो सकती हैं इसका समय पर इलाज कराना जरूरी है. टाइफाइड के लक्षण तेज़ बुखार का आना, थकान महसूस होना, मांसपेशियों में दर्द, अत्यधिक पसीना आना, भूख कम लगना, लगातार वजन का घटना और कब्ज होना माने जाते हैं.ऐसे करें बचाव:
इस बीमारी से बचने के लिए घर का बना खाना खाना चाहिए और स्वच्छ पानी का सेवन करना चाहिए. अगर कोई व्यक्ति टाइफाइड से ग्रसित है, तो एंटीबायोटिक दवाओं की मदद से उसका उपचार किया जा सकता है.
कॉलेरा
कॉलेरा पानी से होने वाली कई तरह की बीमारियों में से एक बीमारी है. जो जीवाणुओं के कारण होती है. भारत में आज ये बीमारी गरीबी ग्रस्त क्षेत्रों और गांवों तक ही सीमित है. दूषित पानी के उपयोग से कॉलेरा फैलता है. जो आगे चलकर गंभीर डिहाइड्रेशन और डायरिया का कारण बन सकता है. इसके लक्षण डायरिया, डिहाइड्रेशन, जी मचलाना,अधिक प्यास लगना, उल्टी, पेट में दर्द, मांसपेशियों में ऐंठन है. ऐसे करें बचाव बचाव:
अगर आप कॉलेरा से प्रभावित क्षेत्रों में जाएं तो आपको वहां जाने से पहले इससे बचने के उपायों के बारे में पता होना चाहिए. कॉलेरा से प्रभावित क्षेत्रों में जाने के बाद अपने हाथ साबुन से अच्छी तरह धोना चाहिए. गर्म और पूरी तरह से पका हुआ भोजन खाना चाहिए. सलाद के तौर पर ऐसे फल और सब्जियां चुननी चाहिए जिन्हें धोकर छील सकें. पीने के पानी का उपयोग तभी करें जब उसका स्त्रोत पता हो.
हेपेटाइटिस A
हेपेटाइटिस A दूषित पानी से होने वाली बीमारी होती है. ये दूषित पानी और दूषित भोजन के सेवन से फैलती है. आगे चलकर ये बीमारी पीलिया और लीवर में सूजन का कारण बनती है. इसका लक्षण अचानक बुखार आना, त्वचा का पीला पड़ना, थकान, शरीर में दर्द, हल्के रंग का मल, पीले रंग की यूरिन, पेट में दर्द, उल्टी, भूख में कमी हैं.
ऐसे करें बचाव:
हेपेटाइटिस A पानी से होने वाली बीमारी है. इसका उपचार वैक्सीन लगवाकर कर सकते हैं. इसके उपचार के रूप में रूम टेंप्रेचर पर खाना खाने से बचें, गर्म खाद्य पदार्थों का सेवन करना सबसे अच्छा होता है.