नई दिल्ली:– गुरु पूर्णिमा का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। यह हर साल आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 21 जुलाई को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस मौके पर गुरुओं की पूजा का विधान है, जो लोग इस दौरान पूजा-पाठ और दान-पुण्य करते हैं, उनका जीवन खुशियों से भरा रहता है। इसके साथ ही घर की दरिद्रता और रोग-दोष का नाश होता है।
अगर आप चाहते हैं कि आपका यह दिन मंगलकारी सिद्ध हो, तो धार्मिक कार्यों से जुड़े रहें। इसके अलावा सभी पूजन नियमों का पालन करें।
गुरु पूर्णिमा पर क्या दान करें?
गुरु पूर्णिमा पर जल से भरा मिट्टी का घड़ा, अनाज, फल, वस्त्र, सफेद चीजों मिठाई-वस्त्र का दान करने का खास महत्व है। इस दौरान दान-पुण्य करने से जीवन में शुभता आती है। घर की आर्थिक मुश्किलें समाप्त होती हैं। इसके अलावा सभी कार्य में सफलता प्राप्त होती है। ऐसा माना जाता है कि पूर्णिमा तिथि पर दान-पुण्य के साथ हवन, पूजन भी जरूर करना चाहिए।
गुरु पूर्णिमा की सही तारीख?
वैदिक कैलेंडर के अनुसार, गुरु पूर्णिमा की तिथि 20 जुलाई को शाम 05 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 21 जुलाई को 03 बजकर 46 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई को मनाई जाएगी। यह दिन स्नान और दान के लिए बहुत शुभ माना जाता है।
गुरू वैदिक मंत्र
”ॐ बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु ।।
यद्दीदयच्दवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्”।।