मध्य प्रदेश:- अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने और रजिस्ट्रेशन कार्ड को बनावाने का रास्ता अब और कठिन हो गया है. प्रदेश में ड्राइविंग कार्ड बनाने वाली कंपनी स्मार्ट चिप को 31 दिसंबर तक का एक्सटेंशन नहीं मिल पाया है. इसके चलते कंपनी ने 1 अक्टूबर से प्रदेशभर में काम करना बंद कर दिया है. इसके चलते अब परिवहन विभाग द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस और वाहनों के रजिस्ट्रेशन को लेकर दूसरा कोई विकल्प नहीं बचा है.
भुगतान को लेकर चल रहा विवाद
मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग में नोएडा की स्मार्ट चिप कंपनी साल 2002 से काम कर रही है. कंपनी की समय सीमा पूरी होने के बाद जून 2024 में इसे एक बार फिर एक्सटेंशन दिया गया था. इसके बाद कंपनी और विभाग के बीच सितंबर तक काम किए जाने की सहमति बनी थी. हालांकि इस दौरान शासन द्वारा प्रयास किया गया कि कंपनी के सेटअप और कर्मचारियों को परिवहन विभाग द्वारा टेक ओवर कर लिया जाए, ताकि विभाग में लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रही, लेकिन यह प्रयास सफल नहीं हो सके.
हालांकि 30 सितंबर को कंपनी की समय सीमा पूरी होने के पहले परिवहन विभाग के सचिव सिबि चक्रवर्ती ने स्मार्ट चिप कंपनी का कार्यकाल 31 दिसंबर 2024 तक बढ़ाने के संबंध में आदेश भी जारी कर दिए थे, लेकिन इसको लेकर कंपनी से असहमति जता दी.
88 करोड़ का भुगतान बाकी
दरअसल, विभाग को कंपनी का करीबन 88 करोड़ का बकाया भुगतान करना है. परिवहन विभाग द्वारा कंपनी का कार्यकाल बढ़ाए जाने के साथ भरोसा दिलाया था कि बकाया राशि का भुगतान कर दिया जाएगा. अक्टूबर माह में 10 करोड़ और बाकी भुगतान दिसंबर तक किश्तों में कर दिया जाएगा, लेकिन इसके बाद भी कंपनी ने काम करने से हाथ खड़े कर दिए हैं.
पूरे प्रदेश में काम हुआ ठप
उधर कंपनी द्वारा काम बंद किए जाने से प्रदेश भर के आरटीओ कार्यालय में काम बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. मंगलवार को भी परिवहन कार्यालय में काम नहीं हो सका. हालांकि उम्मीद जताई जा रही है कि गुरुवार तक कुछ बीच का रास्ता निकाल लिया जाएगा.