भोपाल:- केन्द्र सरकार द्वारा लिए गए फैसले का लाभ मध्य प्रदेश के डेढ़ करोड़ परिवारों को इस माह से मिलने जा रहा है. प्रदेश की उचित मूल्य की राशन की दुकानों से जहां इस माह से अतिरिक्त गेहूं मिलेगा. वहीं गेहूं और चावल के अलावा शक्कर, नमक, दाल भी मिल सकेगी. गरीब कल्याण को लेकर चलाई जा रही योजना के तहत प्रदेश के डेढ़ करोड़ परिवारों को इसका सीधा लाभ मिलेगा. सरकार की इस योजना का लाभ उठाने के लिए लोगों को कुछ जरूरी कदम उठाने होंगे.
गेहूं, चावल के साथ नमक और शक्कर भी
आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा योजनाएं संचालित की जाती हैं. प्रदेश में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत हर माह मुफ्त खाद्यान्न का वितरण किया जाता है. प्रदेश में करीबन 1 करोड़ 26 लाख 73 हजार राशन कार्डधारी हैं.
सरकार द्वारा अनाज के रूप में गेहूं और चावल ही उपलब्ध नहीं कराया जाता बल्कि चीनी, नमक, दाल भी उपलब्ध कराई जाती है. प्रदेश में अंत्योदय परिवारों को हर माह एक किलो शक्कर दी जाती है. साथ ही बाकी सभी परिवारों को गेहूं और चावल के अलावा नमक भी दिया जाता है. प्रभारी अपर संचालक एचएस परमार कहते हैं कि “पात्र हितग्राही को गेहूं, चावल के अलावा शक्कर और नमक भी दिया जाता है. इसकी मात्रा अलग-अलग होती है.
ऐसे बनवाएं अपना राशन कार्ड
प्रभारी अपर संचालक एचएस परमार बताते हैं कि “पात्र हितग्राही को सरकार की योजना का लाभ मिल सके, इसके लिए सरकार द्वारा अभियान चलाया जाता है. इसके बाद भी कई पात्र हितग्राही अपना राशन कार्ड नहीं बना पाते. ऐसे हितग्राही कुछ कदम उठाकर अपना राशन कार्ड बनवा सकते हैं. राशन कार्ड बनवाने के लिए हितग्राही को अपने जिले के स्थानीय खाद्य और आपूर्ति विभाग में जाकर इसके लिए आवेदन पत्र लेना होगा. इसके बाद इसमें अपनी तमाम जानकारी जैसे अपना नाम, पता, आय आदि भरना होगा. इसके बाद इस आवेदन को अपने संबंधित तहसील कार्यालय में जमा करना होगा. इसके बाद संबंधित क्षेत्र का अधिकारी अपनी जानकारी वैरीफाई करेगा और इसके कुछ समय बाद राशन कार्ड जारी हो जाएगा. यदि इसके बाद भी इसमें कोई समस्या आती है तो कलेक्टर कार्यालय में भी इसके संबंध में आवेदन दिया जा सकता है.
कितना मिलेगा राशन
राशन कार्ड बनने के बाद राशन कार्ड सूची में हितग्राही का नाम शामिल हो जाता है. इसके बाद संबंधित राशन की दुकान पर जाकर हितग्राही को अपना बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन कराना होता है. इसके बाद राशन मिलना शुरू हो जाता है. सरकार की तमाम सख्ती के बाद भी राशन दुकान संचालकों द्वारा कई बार गड़बड़ी की जाती है. दुकान संचालकों द्वारा हितग्राहियों को गेहूं, चावल की पूरी मात्रा नहीं दी जाती तो कई बार शक्कर, नमक या मसालों को लेकर टाल दिया जाता है. ऐसे में उपभोक्ता खुद पता लगा सकते हैं कि इस माह सरकार द्वारा उन्हें कितना गेहूं चावल आदि सामान दिया जाएगा. इसके लिए हितग्राही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा पोर्टल पर जाकर इसकी जानकारी ले सकते हैं.