नई दिल्ली:- पितृ पक्ष हम अपने मृत्यु लोक को जा चुके पूर्वजों को याद करके उनका नमन करते हैं, तर्पण और पिंडदान के जरिए उन्हें संतुष्ट करते हैं. श्राद्ध पक्ष 15 दिनों पूरी तरह से पितरों को ही समर्पित है, इसलिए ऐसा कहा जाता है कि इस दौरान नई वस्तुओं को खरीदने और उनका उपभोग नहीं करना चाहिए.
इससे हमारा ध्यान पितरों से भटक जाता है और पितरों की आत्मा को कष्ट होता है. हालांकि पितृ पक्ष के समाप्त होते ही अगले दिन शारदीय नवरात्रि शुरू हो जाती है ऐसे में क्या नवरात्रि की पूजा सामग्री सर्व पितृ अमावस्या पर ले सकते हैं आइए जानें.
सर्व पितृ अमवास्या के बाद शादीय नवरात्रि
पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए पितृ पक्ष में श्राद्ध कर्म किए जाते हैं. भादों की पूर्णिमा से 17 सितंबर से शुरू हुए पितृ पक्ष अब समापन की ओर हैं. 2 अक्टूबर को सर्व पितृ अमावस्या है. इस दिन पितर अपने लोक लौट जाएंगे, इसके अगले दिन 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि शुरू हो रही है.
पितृ पक्ष में नवरात्रि पूजा सामग्री लेना शुभ या अशुभ
शारदीय नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है, जिसके लिए भक्तजन पहले से ही पूजा और कलश स्थापना की तैयारी करते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार पितृ पक्ष में पूजा-पाठ बाधित नहीं होती है, ऐसे में नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा से संबंधित सामग्री खरीद सकते हैं.
इस साल नवरात्रि में घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त 3 अक्टूबर 2024 को सुबह 06.24 से सुबह 08.45 का है. ऐसे में नवरात्रि वाले ही दिन दुर्गा पूजन की तैयारी करना संभव नहीं होगा. इसके लिए आप पहले ही पूजन सामग्री इक्ट्ठा कर लें.
सर्व पितृ अमावस्या पर कब खरीदें सामान
सर्वा पितृ अमावस्या पर जो लोग अपने पर्वजों का तर्पण, पिंडदान कर रहे हैं वो श्राद्ध कर्म करने के बाद नवरात्रि पूजन की सामग्री खरीदें. अमावस्या पितरों के श्राद्ध का आखिरी दिन होता है. श्राद्ध का अन्न-जल ग्रहण करने के बाद पितर अपने लोक लौट जाते हैं.