नई दिल्ली:– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के प्रसिद्ध पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ लंबी बातचीत की। इस पॉडकास्ट में उनके बचपन, हिमालय में बिताए गए समय और सार्वजनिक जीवन की यात्रा समेत कई विषयों पर चर्चा हुई। लेक्स फ्रिडमैन के साथ पॉडकास्ट में मोदी ने कहा कि जब भी हम शांति की बात करते हैं, तो दुनिया हमारी बात सुनती है, क्योंकि भारत गौतम बुद्ध और महात्मा गांधी की भूमि है।
पीएम मोदी ने बातचीत में भारत की संस्कृति, शांति, और वैश्विक कूटनीति पर जोर देते हुए कहा कि जब मैं विश्व के नेताओं से हाथ मिलाता हूं, तो ऐसा मोदी नहीं बल्कि 1.4 अरब भारतीय करते हैं। मेरी ताकत मेरे नाम में नहीं, बल्कि भारत की कालातीत संस्कृति और विरासत में निहित है।
मेरी ताकत 140 करोड़ भारतीय- पीएम मोदी
अपने बचपन की कठिनाइयों को साझा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जो व्यक्ति अच्छे जूते पहनने का आदी होता है, उसे उनकी अनुपस्थिति का एहसास होता है, लेकिन हमने कभी जूते पहने ही नहीं थे तो हमें इसका महत्व पता नहीं था। यही हमारा जीवन था। इस पॉडकास्ट में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बचपन, हिमालय की यात्रा, संन्यास के विचार, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और हिंदू राष्ट्रवाद पर अपने विचार साझा किए। इसके साथ ही, उन्होंने महात्मा गांधी, भारत-पाकिस्तान संबंधों, यूक्रेन में शांति प्रयासों, चीन और शी जिनपिंग से संबंधों, 2002 के गुजरात दंगों, लोकतंत्र, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), शिक्षा और ध्यान जैसी अहम विषयों पर भी अपनी राय भी जाहिर की है। तीन घंटे के इस पॉडकास्ट में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि मेरी ताकत 140 करोड़ भारतीय हैं।
RSS को समझना आसान काम नहीं- पीएम
पीएम मोदी ने आगे कहा कि बचपन में RSS की सभाओं में जाना हमेशा अच्छा लगता था। मेरे मन में हमेशा एक ही लक्ष्य रहता था, देश के काम आना। यही ‘संघ’ (RSS) ने मुझे सिखाया। RSS इस साल 100 साल पूरे कर रहा है। RSS से बड़ा कोई ‘स्वयंसेवी संघ’ दुनिया में नहीं है… RSS को समझना आसान काम नहीं है, इसके कामकाज को समझना होगा। यह अपने सदस्यों को जीवन का उद्देश्य देता है। यह सिखाता है कि राष्ट्र ही सब कुछ है और समाज सेवा ही ईश्वर की सेवा है। हमारे वैदिक संतों और स्वामी विवेकानंद ने जो सिखाया है, संघ भी यही सिखाता है।