
प्लांट शुरूः ऑक्सीजन प्लांट में 1000 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन तैयार करने की क्षमता
जिले की जनता के स्वास्थ्य लाभ के लिए अभिनव व्यवस्था
कबीरधाम। कोविड संक्रमित व अन्य गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीजों के त्वरित उपचार अथवा राहत के लिए जिले में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी न होए इसके लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है। लगभग 1.5 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया ऑक्सीजन प्लांट अब शुरू कर दिया गया है।
गुजरे कुछ महीने पहले कोरोना संक्रमण के रूप में आई त्रासदी से निपटने के बाद जिले का स्वास्थ्य विभाग अब और भी ज्यादा चौकन्ना हो गया है। किसी भी स्थिति में मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी न हो, इसलिए जिला अस्पताल परिसर में ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया है जिसके माध्यम से जरुरतमंद मरीजों तक अब सहजता से ऑक्सीजन पहुंचाई जा सकेगी। राज्य शासन व जिला प्रशासन के प्रयासों से 1000 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन तैयार करने की क्षमता वाले इस प्लांट की स्थापना कोविड की तीसरी लहर व अन्य आपातकालीन स्थितियों से निपटने के उद्देश्य से किया गया है।
इससे पहले जिला अस्पताल परिसर में बनाए गए ऑक्सीजन प्लांट की कार्य प्रगति जानने के लिए जिला कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा जिला अस्पताल पहुंचे थे। उन्होंने प्लांट के कार्यों की जानकारी लेते हुए संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया था कि एक सप्ताह के भीतर लंबित कार्यों का निपटारा कर प्लांट शुरू कर दें। इस निर्देश का पालन करते हुए लंबित कार्यों को पूर्ण कर प्लांट को अब शुरू कर दिया गया है।
सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉ. पीसी प्रभाकर ने बतायाए श्कम्पनी की ओर से आए विशेषज्ञों द्वारा जिला अस्पताल के संबंधित स्टाफ को इस प्लांट से ऑक्सीजन प्रदाय का डेमो दिखाकर ट्रेनिंग भी दी गई है। इसके अलावा अन्य सभी आवश्यक औपचारिकताओं को पूर्ण कर लिया गया है। ऑक्सीजन सिलेंडर के अलावा वेंटीलेटर्स को भी सुचारू रखा गया है।
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र कुमार मण्डल ने बताया, कोरोना संक्रमित मरीजों के साथ ही अन्य गंभीर रोगों से पीड़ितों की राहत के लिए जिले में हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। जिला अस्पताल परिसर में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने के बाद अब जिला अस्पताल व डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में निर्बाध ऑक्सीजन प्रदाय किया जा सकेगा। साथ ही इससे लगभग 100 बिस्तरों पर 24 घंटे ऑक्सीजन की पूर्ति की जा सकेगी।