हद से ज्यादा चिंता करने के कारण हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है. यह सिर्फ दिमाग ही नहीं शारीरिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर डालती है. अक्सर डिप्रेशन और एंग्जायटी में लोग दवा लेना शुरू कर देते हैं. लेकिन क्या आपको पता है यह शरीर के लिए कितना ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है. एंग्जायटी के कारण आपको पैनिक अटैक, सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है.
एंटीडिप्रेसेंट के कई तरह के साइड इफ़ेक्ट हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:पेट खराब होना, डायरिया, सिरदर्द, उनींदापन और यौन रोग
दूसरे साइड इफ़ेक्ट: सतर्कता में कमी, मतली, वजन बढ़ना, बेचैनी या बेचैनी, सोने में कठिनाई या अत्यधिक नींद आनागंभीर साइड इफ़ेक्ट: हृदय संबंधी समस्याएं, मिर्गी के दौरे, लीवर की क्षति और सेरोटोनिन सिंड्रोमएंटीडिप्रेसेंट के अलग-अलग प्रकार और ब्रांड के साइड इफ़ेक्ट अलग-अलग हो सकते हैं. ज़्यादातर लोगों के लिए, साइड इफ़ेक्ट इतने गंभीर नहीं होते कि उन्हें दवा लेना बंद करना पड़े. हालांकि, अपनी व्यक्तिगत स्थिति के बारे में अपने डॉक्टर से बात करना ज़रूरी है.
दिमाग पर अल्प्राजोलम बुरा असरडिप्रेशन के इलाज में अल्प्राजोलम कारगर मानी जाती है. सीनियर साइकेट्रिस्ट सत्यकांत त्रिवेदी के मुताबिक, इस तरह की नकली दवाइयां दिमाग पर गहरा असर डालती हैं. इसके अलावा ब्रेन के न्यूरो सिस्टम पर असर डालती है. खासकर ऐसे मेंटल मरीजों को जो ज्यादा हिंसक हो जाते हैं. इस दवा को लेने के बाद वे शांत हो जाते हैं और उन्हें नींद आती है.
डिप्रेशन की दवा के साइड इफेक्ट्सब्रिटिश अखबार टेलीग्राफ की एक खबर के अनुसार, यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि एंटी डिप्रेशन की दवा इंसान को कुंद बना सकती है. वह कभी खुशी और कभी गम महसूस करता रहता है. अध्ययन के अनुसार, डिप्रेशन की दवा लेने वाले किसी भी चीज का लुत्फ नहीं उठा पाते हैं. उनकी सभी भावनाएं अंदर ही दब जाती हैं.
ऐसा इसलिए क्योंकि एंटी डिप्रेशन की दवाईयां फील गुड हार्मोन सेरोटोनिन हार्मोन को बढ़ा देता है, जिसके कई साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं. ऐसे लोगों में उत्साह ही नहीं बचता है. उनका दिमाग सही तरह चीजों को पहचान नहीं पाता है. ऐसे में एक्सपर्ट्स मानते हैं कि नकली डिप्रेशन की दवा दिमाग को बुरी तरह प्रभावित कर सकती हैं.यह बहुत ही ज्यादा ताकतवर ड्रग्स है, जिसकी ज्यादा डोज जान भी ले सकती है.