हाल ही में बंगाल में एक बड़ा ट्रेन हादसा हुआ है. पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में कंचनजंगा एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी की टक्कर से 9 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि 50 से ज्यादा घायल हुए. पैसेंजर ट्रेन जब किसी बड़े हादसे का शिकार होती है तो यात्रियों को बचने का मौका काफी कम होता है, क्योंकि ट्रेन इतनी रफ्तार में होती है कि किसी को भी बचने का या फिर कुछ समझने का मौका ही नहीं मिल पाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ट्रेन हादसे में किस कोच को सबसे कम नुकसान होता है? जहां एक्सीडेंट के वक्त बचने की सबसे ज्यादा उम्मीद होती है?
अगर नहीं तो आइए बताते हैं…हादसे में इन कोच को होता है सबसे ज्यादा नुकसानजब भी ट्रेन में कोई ट्रेन आगे से या फिर पीछे से टकराती है तो सबसे पहले और ज्यादा इंपैक्ट जनरल कोच को ही पड़ता है. ठीक इसी तरह अगर कोई ट्रेन डीरेल होकर दूसरी ट्रेन से टकराती है तो भी सबसे ज्यादा नुकसान पहले जनरल डिब्बों को ही पहुंचता है. जनरल डिब्बों में जगह की तुलना में कई गुना यात्री होते हैं जिससे जान माल का नुकसान भी इन्ही डिब्बो में होता है.ये हैं सबसे सेफ कोचकिसी भी ट्रेन में हादसे में वैसे तो पूरी ट्रेन को ही नुकसान पहुंचता है और इससे सभी यात्री कहीं न कहीं प्रभावित होते हैं
. हालांकि कुछ ऐसे डिब्बे हैं जिनमें दूसरे कोच की तुलना में नुकसान होने की संभावना कम होती है. ये कोच हैं एसी कोच. ऐसी कोच को सेफ इसलिए कह सकते हैं कि ये ट्रेन के बीच में होते हैं. अगर कोई ट्रेन सामने से भीड़ती है तो एसी कोच में इसका असर जनरल डिब्बों की तुलना में कम ही पहुंचेगा. इसके साथ ही एसी कोच में जनरल और स्लीपर कोच की तुलना में भीड़ भी कम होती है इससे नुकसान भी कम होने की गुंजाइश रहती है.हादसे में बचने के लिए क्या करेंकिसी भी ट्रेन हादसे में सबसे ज्यादा सुरक्षित रहने की संभावन तभी रहती है अगर आप लोगों के बीच में बैठे हैं. अगर आप सबसे साथ बैठे हैं तो झटका लगने से आप सीधे ट्रेन की दीवार, फर्श, सीट, विंडो से नहीं टकराएंगे. इससे आपके चोटिल होने की संभावना कम हो जाती है. कोशिश करें कि ट्रेन में चाल फेर कम करें.