नई दिल्ली:– रात दो बजे संत प्रेमानंद का काफिला पदयात्रा करते हुए श्रीराधाकेलि कुंज के लिए निकलता है तो हजारों श्रद्धालु सड़क किनारे खड़े होकर उनके दर्शन करते हैं। रात में दिन जैसा उजाला और भजनों की धुन के साथ भक्तों द्वारा चलाए जाने वाले पटाखों की आवाज से रास्ते में पड़ने वाली कॉलोनियों के निवासियों की नींद उड़ गई है।
एनआरआइ ग्रीन कॉलोनी के लोगों ने पदयात्रा का विरोध शुरू किया है। कॉलोनी की महिलाएं हाथ में तख्तियां लिए संत प्रेमानंद की रात की पदयात्रा का विरोध कर रही हैं। तख्तियों में उन्होंने लिखा है कि कौन सी भक्ति कौन सा दर्शन ये तो है केवल शक्ति प्रदर्शन।
रात दो बजे संत प्रेमानंद अपने शिष्यों संग करते हैं पदयात्रा
छटीकरा मार्ग स्थित श्रीकृष्ण शरणम कॉलोनी स्थित आवास से संत प्रेमानंद अपने शिष्यों के साथ पदयात्रा करते हुए प्रेममंदिर के पीछे से रमणरेती स्थित श्रीराधा केलिकुंज के लिए रात दो बजे निकलते हैं। इस पदयात्रा के बीच पड़ने वाली एनआरआइ ग्रीन कॉलोनी के निवासियों ने पदयात्रा के दौरान होने वाले ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है। सोमवार को कालोनी की महिलाओं ने हाथ में तख्तियां लेकर संत प्रेमानंद की पदयात्रा का विरोध किया।
वृंदावन के सुनरख मार्ग स्थित एनआरआई ग्रीन कालोनी में संत प्रेमानंद की पदयात्रा में होने वाले ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन करतीं कालोनी की महिलाएं।
पटाखे फोड़ने से रात में होती है नींद खराब, पदयात्रा बंद करने की अपील
विरोध कर रहीं महिलाओं का कहना है पदयात्रा के दौरान जोर-जोर की आवाज गूंजती है, पटाखे फोड़े जाते हैं। बीमार बुजुर्गों को दिक्कत होती है। कई महिलाएं स्कूल में पढ़ाती हैं, रात में नींद खराब होती है सुबह स्कूल नहीं जा पातीं। अपील की कि संत प्रेमानंद को लोगों की भलाई के लिए रात की पदयात्रा बंद करनी चाहिए।
आश्रम ने बनाई दूरी
कॉलोनीवासियों के प्रदर्शन को लेकर आश्रम की ओर से कहना है कि पदयात्रा के दौरान जो भी भक्त सड़क किनारे खड़े होकर भजन-संकीर्तन करते हैं, उनका संत प्रेमानंद के अनुयायी या आश्रम से कोई लेना-देना नहीं है। कई बार तो मना करने के बाद भी लोग लाउडस्पीकर पर भजन गायन करते हैं। पदयात्रा में किसी तरह का ध्वनि प्रदर्शन नहीं करने की हमेशा से ही आश्रम द्वारा अपील की जाती रही है।