
रायपुर : स्ट्रीट लाइट पर लगे धार्मिक रंग वाले झंडे को उतारने और दूसरे रंग का झंडा लगाने से शांतिप्रिय छत्तीसगढ़ का कवर्धा साम्प्रदायिक दंगे की चपेट में है। कल दिन भर चले बवाल और गिरफ्तारियों के बाद भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल वहां के लिए रवाना हुआ है। इसमें नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक नारायण चंदेल और सांसद संतोष पाण्डेय शामिल हैं।
कवर्धा रवाना होने से पहले नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा, उनकी जानकारी में भाजपा का कोई कार्यकर्ता दूसरे जिलों से कवर्धा नहीं गया है। उन्होंने कहा, वे लोग कवर्धा जा रहे हैं, वहां पीड़ित परिवारों से बातचीत करेंगे। प्रमुख लोगों से मुलाकात करेंगे। हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि घटना किन परिस्थितियों में हुई। ऐसी परिस्थिति कितने दिनों से बन रही थी। उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ के लिए यह बड़ी घटना है।
जिस प्रकार से यह घटना हुई है, उसका आंकलन करने के लिए वहां जाना जरूरी है।उनसे पहले IG विवेकानंद सिन्हा ने कहा था, जिले में धारा 144 लगे होने के बाद भी विश्व हिंदू परिषद ने बंद और धरना प्रदर्शन का आयोजन किया। इसमें शामिल होने के लिए राजनांदगांव, बेमेतरा, मुंगेली, धमतरी और रायपुर से भी लोगों की भीड़ पहुंची थी। उन लोगों ने बंद के दौरान कवर्धा के चिन्हित वार्डों में उपद्रव मचाया और तोड़फोड़ की। इसकी वजह से शहर का साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ा है।
नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, कवर्धा जल रहा है और लोग नेतागिरी करने बाहर जा रहे हैं। प्रदेश के गृह मंत्री मौनी बाबा बन गए हैं। इनको अपने प्रदेश और जिले की चिंता नहीं है। ऐसी स्थिति में हमको जाकर स्वयं आकलन करना चाहिए। शांति व्यवस्था स्थापित करने की बातचीत करनी चाहिए।
सफाई दी : भाजपा अवसर की राजनीति नहीं करती, 15 साल तक मिला था
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, भाजपा अवसर की राजनीति नहीं करती। भगवान की दया से 15 साल तक उनको सत्ता में रहने का अवसर मिला है। भगवान की कृपा रही तो आगे भी मिलेगा। जिनको ले देकर अवसर मिल गया है वह इसकी चिंता करें।
कवर्धा में अभी भी तनाव, तीन जिलों में इंटरनेट बंद
कवर्धा जिले में अभी भी स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। कवर्धा, बेमेतरा और राजनांदगांव में इंटरनेट बंद करा दिया गया है। आशंका है कि भड़काऊ पोस्ट साझा होने से दंगा भड़क सकता है। पुलिस वीडियो और फोटो के आधार पर दंगाइयों की पहचान करने में जुटी है। अब तक 70 लोगों की पहचान की जा चुकी है। इसमें से 59 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
झंडा उतारने से शुरू हुआ विवाद
कवर्धा की एक स्ट्रीट लाइट पोल पर झंडा लगाने को लेकर शुरू हुए विवाद ने हिंसा का रूप ले लिया था। इसकी शुरुआत मंगलवार को विश्व हिंदू परिषद की ओर से बुलाए गए बंद और रैली से हुई। लोग लाठी-डंडे लेकर सड़कों पर निकल आए और करीब 100 से ज्यादा वाहनों में तोड़फोड़ कर दी। इस दौरान पुलिस बलों पर भी पत्थर फेंके गए। शहर की सड़कों पर घंटों उपद्रव चलता रहा और तमाम लोग दहशत से घरों में कैद रहे। स्थिति को संभालने के पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा और फिर कर्फ्यू लगा दिया गया।