नई दिल्ली :- कई लोग अब भी इसके पीछे असली वजह क्या है, ये नहीं जानते. लेकिन आपने गौर किया होगा कि कुछ देवी-देवताओं को तेल का दीया लगाया जाता है, जबकि कुछ देवी-देवता के आगे घी का दीपक जोड़ा जाता है. क्या आप जानते हैं कि देवी-देवताओं को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए हर पूजा में दीपक क्यों जलाया जाता है? सिर्फ यही नहीं, भगवान के सामने कौनसा दिया जोड़ना चाहिए, तेल का या घी का? किस देवता को देसी घी का दीया जोड़ना चाहिए और किसे तेल का
सनानत धर्म में अग्नि को देवता का स्थान प्राप्त है. अग्नि देव को साक्षी मानकर देवी-देवता के पूजन के समय दीपक जलाया जाता है. माना जाता है कि दीपक में भगवान का एक अंश समाहित होता है. वैसे भी देवी-देवताओं को दीपक की रोशनी विशेष प्रिय है, इसीलिए पूजा-पाठ में दीपक जलाया जाता है. दीपक जलाकर हम ईश्वर, ऊर्जा और प्रकाश से सम्बन्ध स्थापित करते हैं. सेलिब्रिटी एस्ट्रोलॉजर प्रदुमन सूरी के अनुसार इस बात का ध्यान रखें कि दीपक केवल उजाले में ही जलाया जाता है. रात को दीपक नहीं जलाया जाता है.
महादेव की मूर्ति अथवा चित्र के सामने चंदन के तेल का दीपक जलाया जाता है.– मां दुर्गा की पूजा करते समय तिल के तेल का दीपक जलाना उत्तम माना जाता है.– माता लक्ष्मी जी की बात करें तो उनके सामने हमेशा शुद्ध देसी गाय का घी का ही दीपक जलाना चाहिए. घी और अग्नि का संयोजन सकारात्मक आध्यात्मिक ऊर्जा उत्पन्न करता है.– शास्त्रों में कहा गया है कि शुद्ध गाय के घी से जलाया गया दीपक धन और शक्ति के देवता कुबेर की आभा को आकर्षित करता है. यदि देसी घी उपलब्ध नहीं है तो धन प्राप्ति के लिए घर में तिल के तेल का दीपक जला सकते हैं.– हनुमान जी और शनि भगवान के समक्ष सरसों के तेल का दीपक मुख्य रूप से जलाया जाता है. ऐसा करने से साढ़े साती, शनि दोष या ढैय्या से छुटकारा मिलता है.जिन लोगों कीकुंडली में राहु-केतु की दशा कमजोर है. इन दोनों ग्रहों की पीड़ा से मुक्ति के लिए उन्हें सुबह शाम घर के मंदिर में अलसी के तेल का दीपक जलाना चाहिए.